बैकफुट पर व्हाट्सऐप कहा – नीति में बदलाव से संदेशों की गोपनीयता पर असर नहीं होगा – सरकार के तेवर भी सख्त

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WhatsApp की दादागिरी अब नहीं चलेगी. देश में घटते यूजर्स और लगातार शिकायतों के बाद सरकार एक्शन में आ गई है. वॉट्सऐप पॉलिसी को लेकर आईटी मंत्रालय में हाई लेवल मीटिंग भी हुई है. लेकिन, अब वॉट्सऐप (WhatsApp) की चारों तरफ किरकिरी हो रही है. सरकार भी समझना चाहती कि आखिर माजरा क्या है. अब मामले में और भी कई कड़ियां जुड़ गई हैं. वॉट्सऐप की अपकमिंग डेटा और प्रॉइवसी पॉलिसी के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में एक एप्लिकेशन दी गई है.

एप्लिकेशन में कहा गया है कि यह पॉलिसी भारत के नागरिकों की प्राइवसी के अधिकार का हनन करती है. वकील चैतन्य रोहिल्ला की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि यह पॉलिसी किसी भी यूजर की ऑनलाइन एक्टिविटी में 360 डिग्री प्रोफाइल व्यू देती है. इसके साथ ही याचिका में यूजर्स की राइट टू प्राइवेसी का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे किसी भी यूजर की प्राइवसी और पर्सनल एक्टिविटी पर नजर रखी जा सकती है और यह काम बिना किसी सरकारी इंस्पेक्शन के किया जाता.

व्हाट्सऐप की पॉलिसी (WhatsApp Privacy Policy)

केंद्र सरकार WhatsApp के नए Privacy Policy की वजह से प्राइवेसी के उल्लंघन की जांच कर रही है जिसमें यूजर्स से उनके कुछ बिजनेस और लेन-देने के डिटेल्स मांगे गए हैं. केंद्र सरकार नए डेटा मामले को गंभीरता से ले रही है. बताया जा रहा है कि डेटा मामले में सरकार WhatsApp से सवाल जवाब कर सकती है.

5 जनवरी को WhatsApp ने दुनिया के सभी यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी का नोटिफिकेशन भेजा है. इस नए नोटिफिकेशन में WhatsApp ने कहा है कि कंपनी आपके निजी कॉल डेटा, कॉन्टेक्ट नंबर्स, लोकेशन, लेन-देन की जानकारी और प्लेटफॉर्म में शेयर होने वाले सभी फोटो-वीडियो का इस्तेमाल कर सकता है. आपकी सूचना को फेसबुक से साथ शेयर करने की बात भी की गई है. अब पूरी दुनिया में WhatsApp के इस नई पॉलिसी का विरोध हो रहा है.

दूसरें अनुरोधों के साथ ही पेटिशनर ने वॉट्सऐप की ओर से नई पॉलिसी पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. इसके अलावा, रोहिल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को एक दिशा-निर्देश देने की मांग की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वॉट्सऐप अपने यूजर्स के किसी भी डेटा को किसी थर्ड पार्टी या फेसबुक और उसकी कंपनियों के साथ किसी भी उद्देश्य के लिए शेयर न करे.

पेटिशनर ने याचिका में कहा है कि वॉट्सऐप से यूजर्स के डेटा को तीसरे पक्ष और फेसबुक को शेयर करना अपने आप में गैरकानूनी है, क्योंकि ऐप केवल उन उद्देश्यों के लिए डेटा का इस्तेमाल कर सकता है, जो किसी जरूरी और वैद्द रूप से उस उद्देश्य से जुड़े हो, जिसके लिए जानकारी दी गई थी. बता दें कि वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी आठ फरवरी से लागू होगी, जिसे एक्सेप्ट न करने वाले यूजर्स आगे वॉट्सऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.

अपने हालिया निजता नीति बदलावों को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आई वॉट्सऐप ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सरकार के किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार है. इसके साथ ही फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग मंच ने कहा है कि सिग्नल जैसे राइवल ऐप के साथ उसे यूजर्स का भरोसा जीतने के लिए ‘कम्पीट’ करनी होगी.

पीटीआई-भाषा से इंटरव्यू में वॉट्सऐप के प्रमुख विल कैथकार्ट ने कहा कि कंपनी भारत के यूजर्स की निजता और सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. साथ ही वह लगातार यूजर्स को स्पष्ट करेगी कि उनके मैसेज ‘एंड-टू-एंड’ इंक्रिप्ट में होंगे.