पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को पीटीआई के नेतृत्व में हुए देशव्यापी दंगों और विरोध प्रदर्शनों के कारण इमरान खान से बातचीत के लिए ना कह दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि राजनीतिक प्रक्रिया में संवाद जरूरी है, जो लोकतंत्र को परिपक्व और विकसित करने में मदद करता है. प्रधानमंत्री ने कहा, कई राजनीतिक और संवैधानिक सफलताएं तब मिली जब राजनीतिक दल आम सहमति बनाने के लिए एक साथ मेज पर आए. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि खान के नेतृत्व वाली पार्टी में एक बड़ा अंतर है.
अराजकतावादी और आगजनी करने वाले
दरअसल रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने कहा, ‘अराजकतावादी और आगजनी करने वाले, जो राजनेताओं का वेश धारण करते हैं और राज्य के प्रतीकों पर हमला करते हैं, बातचीत के योग्य नहीं हैं. बल्कि उन्हें अपने उग्रवादी कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.’ इमरान खान ने कहा था कि मई के बाद उनके शीर्ष नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद वह किसी भी व्यक्ति से बात करने के लिए तैयार हैं.
इमरान खान ने यह भी कहा था कि वह एक समिति बना रहे हैं जो सत्ता में किसी से भी बात करेगी. रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने कहा था, अगर यह ‘उनके’ अनुसार देश की मदद करता है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. दूसरा, अगर अक्टूबर में चुनाव होते हैं तो यह देश के लिए कैसे फायदेमंद है. पीटीआई ने पिछले हफ्ते अपने अध्यक्ष के निर्देश पर मौजूदा सरकार के साथ बातचीत के लिए सात सदस्यीय टीम के गठन की घोषणा की थी.