Weather Update: मध्य प्रदेश-झारखंड-बिहार-महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में बरसेंगे बादल, केरल-तमिलनाडु में भारी बारिश का अलर्ट

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    एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर स्थित है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है और ये मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. अगले 3-4 दिनों के दौरान इसके ऐसे ही बने रहने की बहुत संभावना है और इसके साथ ही निचले स्तरों पर एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर जा रही है. ऐसे में पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से अगले 5 दिनों के दौरान दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में और अगले 2 दिनों के दौरान महाराष्ट्र में कहीं-कहीं भारी वर्षा के साथ व्यापक रूप से व्यापक से व्यापक रूप से व्यापक हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है.

    मौसम विभाग के मुताबिक 12 से 14 अक्टूबर, 2021 के दौरान केरल और माहे में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी अंडमान सागर और पड़ोस के ऊपर स्थित है और मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. इसके प्रभाव से अगले 36 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है और फिर इसके अधिक चिह्नित होने और पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है.

    इस चक्रवाती संचरण की वजह से अगले 4-5 दिनों के दौरान दक्षिण ओडिशा-उत्तर आंध्र प्रदेश के तटों की ओर छिटपुट गरज के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होगी और हवा की गति 40-50 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे तक रहेगी.

    अगले 5 दिनों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश होने की संभावना है. इसके साथ हीगुजरात, छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की और वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं. मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार के अधिकांश भाग में अगले 2 दिनों के दौरान और महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है.

    भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने केरल के छह जिलों के लिए 12, 13 और 14 अक्टूबर को भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं कुछ जिलों में तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. तमिलनाडु में भी चेन्नई उपनगरों में भारी बारिश के बाद बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है .

    बता दें कि दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी 17 सितंबर की सामान्य तारीख के मुकाबले इस साल 6 अक्टूबर को बहुत देर से शुरू हुई है.