उत्तराखंड में बारिश का तांडव, देहरादून समेत 5 जिलों में जारी हूआ रेड अलर्ट, यमुनोत्री हाईवे भी हूआ बंद

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उत्तराखंड में मौसम ने फिर करवट बदली है। राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई इलाकों में मंगलवार सुबह से ही बारिश जारी है। वहीं, यमुनोत्री हाईवे खनेड़ा पुल के पास मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया है। हाईवे को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई है।

उधर, मौसम विभाग ने देहरादून समेत पांचों जिलों में अगले 24 घंटे के भीतर भारी बारिश की संभावना जताई है।  पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, पौड़ी जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। 

देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में सतर्क रहें। उपजिलाधिकारियों को अपने अपने इलाकों से आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम जानकारियां लेने के साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग को मुहैया कराने के लिए निर्देशित किया है।

जिलाधिकारी का कहना है कि यदि किसी भी अधिकारी के स्तर में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही दून में रिस्पना और बिंदाल जैसी नदियों के किनारे बसी बस्तियों पर भी नजर रखने की हिदायत दी है।

इसके अलावा नदियों का जलस्तर बढ़ने पर किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के इंतजाम करने की बात कही। इसके लिए सरकारी स्कूलों के साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को कहा है। 

चमोली में लगातार रिमझिम बारिश जारी है। जिले में 21 संपर्क मार्ग जगह-जगह मलबा और भूस्खलन से बंद पड़े हुए हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि सड़कों को खोलने के लिए संबंधित क्षेत्रों में जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं। जिले में भारी बारिश नहीं है।

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार चौथे दिन मंगलवार को भी बंद है। स्वांला और भारतोली से मलबा न हटने से वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकी। वहीं प्रशासन ने टनकपुर से ही वाहनों की आवाजाही रोक दी है। इसके चलते प्रशासन ने रास्ते में अब लोगों के न फंसे होने का दावा किया है।

वहीं रविवार शाम लोहाघाट के विधायक की कथित अभद्रता से खिन्न कार्यदायी संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने सोमवार को कार्य बहिष्कार किया। इससे सड़क से मलबा नहीं हटाया जा सका। हालांकि सोमवार को सात ग्रामीण सड़कें खोल दी गईं लेकिन चंपावत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की 17 सड़कें अब भी बंद हैं। 

एनएच पर स्वांला और भारतोली में मलबा गिरने से पहाड़ और मैदान का सड़क संपर्क तीन दिन से कटा है। एनएच बंद होने से रोडवेज की बस सेवा लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी बुरी तरह से प्रभावित रही। सहायक मंडलीय प्रबंधक नरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि रोडवेज ने सोमवार को भी तीन बस सेवाओं को देवीधुरा होकर चलाया। 

ठुलीगाड़-भैरव मंदिर, रीठाखाल-मनटांडे, बांकू-सुल्ला-पासम, चूलागांव-भनार, मंच-नीड़, चमदेवल-जाख-गजीना, बाराकोट-कोठेरा, स्याला-पोथ, एचएस 29 से खटोली मल्ली, धौन-सल्ली और खटोली मल्ली-वैला सड़क।

टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से डीजल-पेट्रोल की किल्लत शुरू हो गई है। जिले के पहाड़ी हिस्सों के अधिकतर पेट्रोल पंपों में पेट्रोल-डीजल न मिलने से लोगों को दिक्कत हो रही है। टैंकरों के फंसने से ये संकट पैदा हुआ है।

इस वजह से सोमवार दोपहर से चौपहिये ही नहीं, दोपहिये वाहनों को भी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। जिले में सामान्य समय में नौ हजार लीटर डीजल-पेट्रोल की खपत है।

वहीं जिला पूर्ति अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे एसडीएम अनिल गर्ब्याल का कहना है कि किल्लत दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। सड़क न खुलने की सूरत में डीजल-पेट्रोल के टैंकर हल्द्वानी-पाटी सड़क से लाए जाएंगे।