उत्तर प्रदेश में बेड की कमी नहीं होगी और ना ही ऑक्सीजन की कमी होगी – महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ.वेद व्रत सिंह

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cm yogi on Ramnavami Violence
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देश में कोरोना के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. वही उत्तर प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण के मामलों वृद्धि हो रही है. राज्य कोरोना की दूसरी लहर में सबसे प्रभावित रहा है और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसको देखते हुए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. राज्य में पिछले एक सप्ताह के दौरान करीब छह गुना से ज्यादा कोरोना के मामलों में इजाफा हुआ है. लेकिन राज्य सरकार का दावा है कि राज्य में समुचित संख्या में बेड उपलब्ध हैं और राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. जबकि पहली और दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण राज्य के हालत काफी खराब थे.

राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान 2038 नए मामले दर्ज किए हैं. इसके बाद राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 5158 तक पहुंच गई है. राज्य सरकार का कहना है कि राज्य के 33 जिलों में 10 से भी कम एक्टिव केस हैं. वहीं राज्य में कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार 15 से 18 साल के युवाओं का वैक्सीनेशन कर रहा है. जबकि 10 जनवरी से राज्य में बुजुर्गों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज लगाई जाएगी.

जानकारी के मुताबिक राज्य में ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी हैं. जिसके कारण संक्रमण तेजी से नहीं फैल रहा है. इसके साथ ही राज्य में अभी तक 87.7 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज और 51.17 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा चुकी है. इसके अलावा 4.60 लाख से अधिक 15 से 18 साल के किशोर को कोरोना की पहली डोज अब तक दी जा चुकी है.

उत्तर प्रदेश के डीजी हेल्थ डॉ.वेद व्रत सिंह ने मीडिया को बताया कि राज्य में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी हैं. राज्य में वैक्सीनेशन का अभियान जारी है. डीजी हेल्थ का दावा है कि इस बार राज्य में बेड की कमी नहीं होगी और ना ही ऑक्सीजन की कमी होगी. उन्होंने बताया कि राज्य में सरकारी अस्पतालों में 70 हजार बेड तैयार किए गए हैं और इसमें अभी निजी और मेडिकल कॉलेजों के बेड शामिल नहीं हैं. अभी राज्य के सभी सीएमओ को बेड के आंकड़ा एकत्रित करने को कहा है और अंतिम स्टेट्स जल्द ही विभाग के पास होगा. उन्होंने बताया है कि राज्य में 550 ऑक्सीजन प्लांट मौजूद हैं और स्वास्थ्य विभाग के पास 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर मौजूद हैं. जबकि निजी हॉस्पिटल और शिक्षण संस्थानों के पास भी अपने संसाधन हैं.