US Presidential Debate: ट्रंप ने चीन, भारत और रूस पर दूषित वायु से निपटने के लिए उचित कदम ना उठाने का लगाया आरोप

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    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, भारत और रूस पर “दूषित वायु” से निपटने के लिए उचित कदम ना उठाने का आरोप लगाते हुए, पेरिस जलवायु समझौते से हटने के अमेरिका के कदम को सही ठहराया।

    नाश्विल के बेलमॉन्ट विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति पद के चुनाव की अंतिम आधिकारिक बहस (प्रेसिडेंशियल डिबेट) के दौरान ट्रंप ने कहा, “चीन को देखिए, कितना गंदा है। रूस को देखिए, भारत को देखिए, वे बहुत गंदे हैं। हवा बहुत गंदी है।”अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव है। 

    डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के साथ करीब 90 मिनट चली बहस के दौरान ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन के सवाल पर कहा, “इस प्रशासन के अधीन 35 वर्षों की तुलना में उत्सर्जन की स्थिति सबसे बेहतर है। हम उद्योग के साथ अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।” 

    उन्होंने कहा, “पेरिस समझौते से हम इसलिए अलग हुए, क्योंकि हमें खरबों डॉलर खर्च करने थे और हमारे साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा था।” ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने के लिए भारत और चीन जैसे देशों पर बार बार आरोप लगाया है और कहा है कि इन देशों में हवा में सांस लेना नामुमकिन है।

    ट्रंप ने 2017 में अमेरिका को 2015 पेरिस जलवायु समझौते से खुद को अलग कर लिया था।वहीं, बिडेन ने कहा कि उनके सत्ता में आने पर वह एक बार फिर अमेरिका को इस ऐतिहासिक पेरिस समझौते का हिस्सा बनाएंगे और प्रदूषण के लिए चीन की जवाबदेही तय करेंगे।

    दूसरी ओर, ट्रंप ने लगातार इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत जैसे देशों को ही पेरिस समझौते से फायदा पहुंच रहा है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण के लिए इन देशों को ही सबसे अधिक जिम्मेदार ठहराया।राष्ट्रपति ने आरोप लगाया, “पर्यावरण और ओजोन की बात करें तो हमारी स्थिति काफी बेहतर है। वहीं चीन, रूस, भारत ये सभी देश वायु को दूषित कर रहे हैं।”