रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जारी हमले के दौरान उसके एयरपोर्ट और ईंधन सुविधा केंद्रों को निशाना बनाया है. यह हमले का दूसरा चरण प्रतीत हो रहा है, जो तीव्र प्रतिरोध के कारण धीमा हुआ है. अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) ने यूक्रेन को हथियार एवं गोला-बारूद मुहैया कराए हैं तथा रूस को और अलग-थलग करने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव के दक्षिण में रविवार तड़के बड़े विस्फोट हुए और लोग रूसी बलों द्वारा बड़े पैमाने पर हमले किए जाने की आशंका के कारण अपने घरों, भूमिगत गैराजों और उपनगर स्टेशनों में छिप गए.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के कार्यालय और निकटवर्ती वासिलकीव कस्बे (Vasylkiv) के मेयर ने बताया कि राजधानी से करीब 25 मील दक्षिण में झुलियानी एयरपोर्ट के निकट एक तेल डिपो से धुआं निकलता दिखाई दिया. जेलेंस्की के कार्यालय ने बताया कि रूसी बलों (Russian Forces) ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव में एक गैस पाइपलाइन में भी विस्फोट कर दिया. इसके बाद शहर में मशरूम के आकार का धुएं का गुबार भी उठते हुए देखा गया. जेलेंस्की ने संकल्प लिया, ‘हम अपने देश को आजाद कराने के लिए अंतिम समय तक लड़ते रहेगे.’
वहीं, युद्ध के बीच बिगड़ते हालात को देखते हुए यूक्रेन की सरकार ने 39 घंटे का कर्फ्यू लागू किया है, ताकि लोग सड़कों पर नहीं निकलें. यूक्रेन से 1,50,000 से अधिक लोग पोलैंड, मोल्दोवा और अन्य देशों में चले गए हैं. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने सचेत किया है कि यदि युद्ध जारी रहा, तो यह संख्या 40 लाख से अधिक हो सकती है. अमेरिका (America) ने टैंक-रोधी हथियारों और छोटे हथियारों सहित यूक्रेन को 35 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने का संकल्प लिया है. जर्मनी (Germany) ने कहा कि वह यूक्रेन को मिसाइल और टैंक रोधी हथियार भेजेगा और रूसी विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर देगा.
यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों एवं साझेदारों ने वैश्विक वित्तीय तंत्र SWIFT वित्तीय प्रणाली से प्रतिबंधित रूसी बैंकों को अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कदम लागू करने का फैसला किया है. यूक्रेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि इस युद्ध में तीन बच्चों समेत 198 लोगों की मौत हुई है और 1,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इस युद्ध की वजह से आम लोगों का सबसे ज्यादा नुकसान होते हुए नजर आ रहा है. बड़ी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं.