चुनावी मैदान में उतरने को लेकर राकेश टिकैत का बयान, बोले – संयुक्त किसान मोर्चा नहीं लड़ेगा चुनाव, जो लड़ रहे उनसे हमारा कोई नाता नहीं

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    Rakesh Tikait

    पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) लडने के लिए राजनीतिक मोर्चा बनाने वाले किसान संगठनों से दूरी बनाते हुए किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने रविवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहा. उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी मैदान में उतरने वाले किसान संगठनों (Farmer Organizations) से हमारा कोई लेना-देना नहीं है.

    जाट समाज के प्रतिभा सम्मान में हिस्सा लेने आए टिकैत से जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, ‘आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे हमे वहां पर क्या करना है.’ हालांकि उन्होंने कहा कि किसान किंग मेकर की भूमिका में रहेंगे. यही नहीं, जब उनसे पंजाब में विधानसभा चुनाव में संयुक्त मोर्चा के चुनाव लडने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा कोई चुनाव नहीं लड रहा. हम राजनीति में नहीं उतरेंगे.’

    ‘संयुक्त किसान मोर्चा कोई चुनाव नहीं लड़ेगा’

    टिकैत ने कहा, ‘मैं राजनीति में शामिल नहीं हो रहा हूं और संयुक्त किसान मोर्चा कोई चुनाव नहीं लड़ेगा. जो चुनाव लड़ रहे हैं वो अपनी व्यक्तिगत क्षमता से लड़ें. उनका हमसे कोई लेना-देना नहीं है. हमारा कोई राजनीतिक मंच नहीं है.’ पंजाब में राजनीतिक मोर्चा बनाने वाले किसान समूह पर टिकैत ने कहा, ‘हम 15 जनवरी को एक बैठक कर रहे हैं और फिर हम इस बारे में बात करेंगे.’ गौरतलब है कि पंजाब के किसान संगठनों ने आगामी विधानसभा चुनावों में अपने हाथ आजमाने का फैसला किया है.

    22 किसान संगठनों ने लिया चुनाव लड़ने का फैसला

    किसानों के 22 संगठनों ने शनिवार को अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. इन संगठनों ने मिलकर संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukt Samaj Morcha) नाम से एक चुनावी संगठन भी लॉन्च किया है. संयुक्त किसान मोर्चा राज्य की सभी 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगा. किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) चंडीगढ़ में नवगठित मोर्चे के प्रमुख होंगे. मोर्चे की ओर से जारी बयान में राजेवाल ने कहा, ‘पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections 2022) लड़ने के लिए एक नया संयुक्त समाज मोर्चा बनाया गया है. किसानों के 22 यूनियनों ने मिलकर यह फैसला लिया है. हमें व्यवस्था बदलने की जरूरत है. हम लोगों से इस मोर्चा का समर्थन करने की अपील करते हैं.’