श्रीलंका में Emergency हटने के बाद प्रोटेस्ट जारी, इंडिया ने भेजी तेल की बड़ी खेप

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Sri lanka emergency revoked
Sri lanka emergency revoked

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में एक अप्रैल को लगाया गया आपातकाल मंगलवार देर रात हटाने के बाद आज बुधवार को विरोध प्रदर्शन जारी रहे. सरकार के खिलाफ आज भी विरोध प्रदर्शन सड़कों पर नजर आए. इस बीच भारत ने श्रीलंका को तेल की बड़ी खेप भेजी है.

श्रीलंका के कोलंबों में भारतीय उच्चायोग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में श्रीलंका को 36,000 मीट्रिक टन पेट्रोल और 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक-एक खेप पहुंचाई गई. भारतीय सहायता के तहत विभिन्न प्रकार के ईंधन की कुल आपूर्ति अब 270,000 मीट्रिक टन से अधिक है.

मंगलवार रात को जारी राजपत्रित अधिसूचना संख्या 2274/10 में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आपातकालीन नियम अध्यादेश को वापस ले लिया है, जिसके तहत सुरक्षा बलों को देश में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए थे.

राष्ट्रपति ने देश में बदतर आर्थिक हालात को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर एक अप्रैल को सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की थी. तीन अप्रैल को होने वाले व्यापक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर आपातकाल लगाया गया था. इसके बाद सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया था. कर्फ्यू और आपातकाल के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रहे. इस दौरान नाराज प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेताओं के आवास का घेराव कर सरकार से आर्थिक संकट को हल करने का आग्रह किया था.

विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने से कई लोग घायल हो गए और वाहनों में आग लगा दी गई. राष्ट्रपति के आवास के पास लगे बैरिकेड गिराए जाने के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारे की. इसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कोलंबो शहर के अधिकतर हिस्सों में कुछ समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया. श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है. प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है. (इनपुट- भाषा)