पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. राज्य में इस बार किसकी सरकार बनेगी इसका फैसला जनता ने कर दिया है. नतीजे 10 मार्च को आएंगे तब पता चलेगा कि किस पार्टी की राज्य में सरकार बन रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक शाम पांच बजे तक राज्य में 63.44% वोटिंग हुई है. हालांकि राज्य चुनाव आयोग मतदान का फाइनल आंकड़ा बाद में जारी करेगा. पंजाब में इस बार कांग्रेस, आप, शिअद-बसपा गठबंधन, भाजपा-पीएलसी-शिअद (संयुक्त) और विभिन्न किसान संगठनों की राजनीतिक इकाई संयुक्त समाज मोर्चा के बीच बहुकोणीय मुकाबला है.
अपनी सत्ता को कायम रखने की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न राजनीतिक विरोधियों के तीखे हमलों का सामना करना पड़ा है, जिनमें मादक पदार्थ और भ्रष्टाचार का मुद्दा शामिल है. वहीं, कांग्रेस इन हमलों का मुकाबला मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के 111 दिनों के कार्यकाल में बिजली की दरों और ईंधन की कीमत में कमी जैसे फैसलों से कर रही है. आम आदमी पार्टी (आप) जो सबसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है वह शासन के दिल्ली मॉडल को पेश कर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास कर रही है.
शिरोमणि अकाली दल का भी बहुत कुछ दांव पर लगा है जो वर्ष 2020 में भाजपा के साथ कृषि कानूनों के मुद्दों पर नाता तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी है. शिअद के साथ गठबंधन में छोटी सहयोगी रही भाजपा इसबार के गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है. भाजपा ने इस चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढींढसा नीत शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन किया है. भगवा दल ने मतदाताओं से ‘‘नवा पंजाब के लिए डबल इंजन की सरकार’’ बनाने की अपील की है.