जन औषधि केंद्र के उद्घाटन में PM मोदी बोले- ‘किफायती दवाओं व सेवाओं से 50 हजार करोड़ रुपये की हुई बचत’

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    सरकार की कोशिश है कि कोई भी मेडिकल साइंस के लाभ से वंचित न रहे। इलाज सस्ता हो, सुलभ हो, सर्वजन के लिए हो इसी सोच के साथ नीतियां बनाई जा रही हैं। बीते वर्षों में इलाज में होने वाले भेदभाव को खत्म करने की कोशिश की गई है, इलाज को हर गरीब तक पहुंचाया गया है। 

    पीएम ने शिलांग में किया 7500वें जन औषधि केंद्र का उद्घाटन 
    पीएम ने रविवार को शिलांग के पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं विज्ञान केंद्र में 7500वां जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर पीएम ने कहा, लंबे समय तक देश की सरकारी सोच में स्वास्थ्य को बीमारी और इलाज का विषय माना गया है।

    लेकिन यह सिर्फ बीमारी और इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे सामाजिक व आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है। सरकार ने जरूरी दवाओं, हार्ट स्टेंट और घुटने की सर्जरी से जुड़े उपकरणों की कीमतों को कई गुना कम किया है। इससे जरूरतमंद लोगों को हर साल 12 हजार करोड़ रुपये की बचत हो रही है।

    इसी तरह आयुष्मान योजना में 50 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया गया। अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग इसका लाभ ले चुके हैं। इससे गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।

    जन औषधि केंद्र हर साल गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लगभग 3600 करोड़ रुपये बचा रहे हैं। ये रकम छोटी नहीं है जो पहले महंगी दवाओं में खर्च हो जाते थे। यानी जन औषधि, आयुष्मान और दवाओं व उपकरणों की कीमत घटने से हुई बचत को जोड़ दें तो आज गरीबों व मध्य वर्ग का करीब 50 हजार करोड़ रुपया बच रहा है।