पेट्रोलियम मंत्री बोले – तेल की कीमतों पर सऊदी अरब, गल्फ देशों और रूस से बातचीत जारी, जल्द मिल सकती है राहत

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hardeep singh puri

देश में लगातार महंगे हो रहे पेट्रोल-डीजल के बीच सरकार ने कीमतों में कटौती के संकेत दिए हैं। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने मंगलवार को कहा कि तेल की कीमतें घटाने को लेकर सऊदी अरब, गल्फ देशों और रूस से बातचीत चल रही है। सरकार भी इसके लिए विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। अक्तूबर में अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें 19 बार बढ़ चुकी हैं।

केंद्रीय मंत्री के इस बयान से उम्मीद लगाई जा रही है कि आम लोगों को तेल की लगातार बढ़ रही कीमतों से राहत मिल सकती है। इससे पहले शुक्रवार को पुरी ने कहा था कि पेट्रोलियम उत्पादों पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से कोविड-19 टीका और सार्वजनिक कल्याणा योजनाओं की फंडिंग हो रही है। उन्होंने कहा था कि वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें उस समय तक गिरने की उम्मीद है, जब भारत अपनी पूरी आबादी को टीका लगा देगा। 

दो दिन से नहीं बढ़ीं कीमतें
देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपये पार पहुंच गया है। हालांकि, पिछले दो दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है। रविवार को दिल्ली में पेट्रोल 35 पैसे महंगा होकर 107.59 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया था, जबकि डीजल के दाम भी 35 पैसे बढ़कर 96.32 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए थे। मुंबई में पेट्रोल 113.46 रुपये और डीजल 104.38 रुपये प्रति लीटर है, जबकि कोलकाता में कीमतें क्रमश: 108.11 रुपये एवं 99.43 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई हैं।

अब तक 23.62 रुपये बढ़ चुके हैं दाम
इस साल पेट्रोल की कीमतें 23.62 रुपये और डीजल की 22.2 रुपये बढ़ चुकी हैं। दिल्ली 1 जनवरी, 2021 को पेट्रोल 83.97 रुपये प्रति लीटर था, जिसकी कीमत 26 अक्तूबर, 2021 को बढ़कर 107.59 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई। इस दौरान डीजल 74.12 रुपये से बढ़कर 96.32 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया। 

100 डॉलर तक जा सकता है कच्चा तेल
इराक के तेल मंत्री एहसान अब्दुल जब्बारी के मुताबिक, अगले साल पहली और दूसरी तिमाही के बीच कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल का स्तर छू लेगा। ब्रेंट क्रूड अभी करीब 85 डॉलर प्रति बैरल है, जो एक साल पहले के 42.5 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले दोगुना है। कच्चे तेल का भाव 100 डॉलर पहुंचने के बाद घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें वर्तमान स्तर से 8-10 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकती हैं। भारत जरूरतों का करीब 85 फीसदी कच्चा आयात करता है।