पाकिस्तान: श्रीलंका के नागरिक की लिंचिंग पर अदालत का फैसला, 6 को मौत की सजा और 7 को उम्र कैद, 76 अन्य को दो साल की सजा

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Pak court ordered death sentence on mob lynching

पाकिस्तान में लाहौर की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पिछले दिसंबर में सियालकोट में ईशनिंदा के झूठे आरोपों पर श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की मॉब लिंचिंग के मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बीते सोमवार को दिए अपने फैसले में 6 प्रमुख संदिग्धों को मौत की सजा सुनाई गई है. सात अन्य संदिग्धों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जबकि 76 व्यक्तियों को दो साल के लिए जेल भेज दिया गया.

3 दिसंबर को श्रीलंकाई नागरिक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला

जानकारी के मुताबिक 49 वर्षीय श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता को 3 दिसंबर, 2021 को एक कारखाने में श्रमिकों की भीड़ ने मार डाला था, जहां वह एक प्रबंधक के रूप में काम कर रहा था. फैक्ट्री के कर्मचारियों समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. विशेष आतंकवाद निरोधी अदालत ने 12 मार्च को आरोपियों को दोषी ठहराया था. आरोपी का ट्रायल लाहौर की कोट लखपत जेल में हुआ था.

सैन्य नेताओं ने बताया शर्मनाक घटना
पाकिस्तान पिछले साल दिसंबर में उस समय स्तब्ध रह गया था जब प्रियंता की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसके शरीर को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था. इस घटना की नागरिक और सैन्य नेताओं ने ‘भयानक’ ‘शर्मनाक’ और ‘अतिरिक्त-न्यायिक सतर्कता’ के रूप में निंदा की. यह दर्दनाक घटना सियालकोट के वजीराबाद रोड पर हुई, जहां निजी कारखानों के कर्मचारियों ने श्रीलंकाई नागरिक की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी.