सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए आईटीबीपी ने अपनी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में बदलाव किया है। पहले किसी भी महिला अधिकारी को ऐसे स्थानों पर तैनात करने की इजाजत नहीं थी। आईटीबीपी ने लिंग भेद की परवाह किए बिना कुछ हफ्ते पहले महिला डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को लद्दाख भेजा था। लेह से सेना भेजने से लेकर आगे की जगहों पर उनकी देखभाल के लिए आईटीबीपी की महिला डॉक्टरों को सभी तरह के चार्ज दिए गए हैं।
इन महिला अधिकारियों को सैनिकों की चिकित्सा जरूरत और देखभाल का काम सौंपा गया है। सैनिकों की सहायता के लिए चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को विभिन्न रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है। फार्मासिस्ट और नर्सिंग सहायकों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किया गया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि पहले, केवल पुरुष डॉक्टरों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास फॉरवर्ड पोस्ट के लिए भेजा जाता था।