किसान आंदोलन: अन्नदाताओं का बड़ा ऐलान- चुनावी राज्यों का दौरा कर BJP को हराने की करेंगे अपील

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    केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान पिछले 100 दिन से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने अब उन पांच राज्यों का दौरा करने का फैसला किया है, जहां पर इस महीने के अंत से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। किसान इन राज्यों में जाकर बीजेपी को हराने की अपील करेंगे।

    किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने चंडीगढ़ में बताया कि किसानों को आंदोलन करते हुए 105 दिन हो गए हैं। उन्होंने कहा, ”हमने फैसला किया है कि हमारी टीमें विधानसभा चुनाव वाले पांचों राज्यों का दौरा करेंगी। वहां पर लोगों से अपील की जाएगी कि किसी को भी वोट दे दें, लेकिन बीजेपी को नहीं। मैं खुद कोलकाता जाऊंगा।” इससे पहले, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने भी 13 मार्च को कोलकाता जाने का ऐलान करते हुए कहा था कि वह किसानों से पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव पर चर्चा करके बीजेपी को पराजित करने का आह्वान करेंगे। हालांकि, वह किसी राजनैतिक दल का समर्थन नहीं करेंगे।

    उन्होंने कहा था कि वह 13 मार्च को कोलकाता जाएंगे और वहीं से निर्णायक संघर्ष का बिगुल फूकेंगे। टिकैत ने आरोप लगाया कि देश के किसान बीजेपी की नीतियों से त्रस्त हैं। वह पश्चिम बंगाल के किसानों से चुनाव पर चर्चा करेंगे और भाजपा को हराने का आह्वान करेंगे। साथ ही कहा कि वह किसी भी दल के पक्ष में अपील या किसी का समर्थन बिल्कुल नहीं करेंगे।

    उधर, 26 मार्च को चार महीने पूरे होने के मौके पर किसान संगठन के नेताओं ने भारत बंद बुलाया है। किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि किसान और ट्रेड यूनियन मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने सिंघू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा कि हम 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर पूर्ण रूप से भारत बंद करेंगे। शांतिपूर्ण बंद सुबह से शाम तक प्रभावी रहेगा।

    उल्लेखनीय है कि किसान यूनियनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें काफी हिंसा हुई थी। बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पुलिस द्वारा तय किए गए रूटों से अलग चले गए थे। कई किसानों ने लाल किले परिसर में घुसते हुए झंडा फहरा दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार भी किया। हिंसा को लेकर विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ 38 मामले दर्ज किए गए।