आलिया के कन्यादान वाले विज्ञापन पर कंगना की तीखी प्रतिक्रिया बोलीं- चीजों को बेचने के लिए धर्म का इस्तेमाल न करें

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बॉलीवुड की क्यूट एक्ट्रेस आलिया भट्ट इन दिनों अपने एक एड वीडियो को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। अपने इस विज्ञापन में अभिनेत्री पुराने समय से चली आ रही प्रथा ‘कन्यादान’ पर सवाल उठाती नजर आ रही हैं। अभिषेक वर्मन द्वारा निर्देशित यह एड एक ब्राइडल वियर ब्रांड के लिए शूट किया गया, जिसमें आलिया दुल्हन के गेटअप लिए दिखाई दे रही हैं। 

यह एड इन दिनों सोशल मीडिया पर भी काफी छाया हुआ है। इसी बीच अब बॉलीवुड की एक और अदाकार कंगना रणौत ने आलिया के इस एड पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंगना के मुताबिक इस विज्ञापन के जरिए ग्राहकों को गुमराह करने और धर्म और अल्पसंख्यक की राजनीति कर लाभ उठाने की कोशिश की गई है। उन्होंने  विज्ञापन पर अपने विचार साझा करते हुए अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में आलिया भट्ट और ब्रांड को टैग भी किया।
 
अभिनेत्री ने लिखी पोस्ट
अभिनेत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा, “सभी ब्रांड्स से विनम्र अनुरोध है कि चीजों को बेचने के लिए धर्म, अल्पसंख्यक, बहुसंख्यक की राजनीति का इस्तेमाल न करें। चतुर विभाजनकारी अवधारणाओं और विज्ञापन के जरिए सीधे-साधे उपभोक्ताओं को गुमराह करना बंद करो। 

सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स

वहीं, सोशल मीडिया पर ये विज्ञापन देख यूजर्स भी काफी नाराज नजर आए। लोगों ने इस विज्ञापन को फेक फेमिनिज्म बताया है। इस एड पर अपने विचार रखते हुए लोगों ने तो इसे बैन करने तक की मांग कर डाली। एक यूजर ने लिखा- किसी को भी हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों को बिना समझे गलत तरीके से प्रस्तुत करने, टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। इस विज्ञापन को बैन किया जाना चाहिए।
क्या कहता है विज्ञापन?

हाल ही में आए इस एड में आलिया कहती हैं कि शादी के बाद ‘कन्यादान’ की रस्म क्यों? क्या लड़कियां कोई चीज हैं, जिसे दान किया जाता है। एड में आलिया अपने होने वाले पति के साथ मंडप में बैठी दर्शकों को अपने दिल की बात बताती हैं। वह बताती हैं कि उनके घर के सभी सदस्य उनसे कितना प्यार करते हैं।

कन्यादान पर उठाया सवाल

हालांकि, वह बाद में शादियों में ‘कन्यादान’ की प्रथा पर एक सवाल भी उठाती हैं। वह पूछती हैं कि उनके परिवार ने उन्हें इतना प्यार करने के बाद भी हमेशा ‘दूसरा’ और अपने परिवार का अलग हिस्सा क्यों माना है। वह कहती हैं “क्या मैं केवल दान की जाने वाली वस्तु हूँ? कन्यादान ही क्यों।