डेनमार्क की पीएम से विदेश मंत्री जयशंकर ने की मुलाकात, अफगान हालात पर हुई चर्चा

183

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को यहां डेनमार्क की प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरिकसन से मुलाकात की। उन्होंने डेनिस पीएम के सामने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात रखे। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर भी विचार साझा किए। 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने डेनिस पीएम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी दीं। दोनों के बीच यूरोपीय संघ की वैश्विक भूमिका को लेकर भी लंबी बातचीत हुई। उन्होंने इस मुलाकात की जानकारी ट्विटर पर साझा की। जयशंकर ने ट्वीट में कहा, आज मेरा स्वागत करने के लिए डेनमार्क की पीएम मैट फ्रेडरिकसन का धन्यवाद। हमारी हरित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में उनका नेतृत्व प्रशंसनीय है।

20 साल में पहले विदेश मंत्री
विदेश मंत्रालय की तरफ से नई दिल्ली में बताया गया कि जयशंकर 20 साल के दौरान डेनमार्क की यात्रा करने वाले पहले विदेश मंत्री हैं। इस दौरान जयशंकर ने डेनमार्क में मौजूद भारतीय समुदाय से भी वर्चुअल तरीके से मुलाकात की और उनके द्वारा अपने व्यवहार व काम से डेनिस जनता के सामने बनाई गई भारत की तस्वीर के लिए उनका शुक्रिया भी अदा किया। इससे पहले शनिवार को जयशंकर ने भारत-डेनिस संयुक्त आयोग बैठक की अपने डेनिस समकक्ष जैप कोफोड के साथ साझा अध्यक्षता की थी।

हरियाली बढ़ाने में भारत का अनूठा साझेदार है डेनमार्क : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि डेनमार्क अपनी क्षमता, अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीकों के कारण हरियाली को बढ़ाने के भारत के प्रयासों में उसका ‘बेहद अनूठा साझेदार’ है। उन्होंने कहा दोनों के रिश्तों बीच खास बात ये है कि डेनमार्क ही सिर्फ एक देश है, जिसके साथ भारत की हरित रणनीतिक साझेदारी है। उसके अनुभव, विकास के इस चरण में भारत जैसे देश के लिए बहुत मददगार हैं।

द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने तथा यूरोपीय संघ के साथ भारत के सहयोग को और मजबूत करने के लिए तीन यूरोपीय देशों- स्लोवेनिया, क्रोएशिया और डेनमार्क के अपने दौरे के अंतिम चरण में जयशंकर डेनमार्क पहुंचे थे। शनिवार को उन्होंने डेनमार्क के अपने समकक्ष जेप्पे कोफोड के साथ भारत-डेनमार्क संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) के चौथे दौर की सह-अध्यक्षता की।

विदेश मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली में जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि जयशंकर की डेनमार्क की यह पहली यात्रा है और बीते 20 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की भी इस देश की पहली यात्रा है।