BCCI अगले साल हो जाएगी और भी ज्यादा अमीर – IPL 2022 में 2 नई टीमों के जुड़ने का दिखेगा असर

419
BCCI postponed cooch behar trophy
BCCI postponed cooch behar trophy

इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल के 2022 संस्करण के दौरान दो नई फ्रेंचाइजी के साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड जल्द ही कम से कम 5000 करोड़ रुपये से अधिक अमीर हो सकता है। आइपीएल, जो वर्तमान में आठ टीमों का टूर्नामेंट है, अगले संस्करण से 10 टीम का इवेंट बन जाएगा और हाल ही में गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान बोली प्रक्रिया के तौर-तरीकों को चाक-चौबंद किया गया है।

नाम न छापने की शर्त पर बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआइ को बताया, “कोई भी कंपनी 75 करोड़ रुपये देकर बोली दस्तावेज खरीद सकती है। पहले शीर्ष अधिकारी दो नई टीमों के लिए आधार मूल्य 1700 करोड़ रुपये रखने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन बाद में आधार मूल्य 2000 करोड़ रुपये रखने का फैसला किया गया।” सूत्र, जिन्होंने अतीत में आइपीएल के वित्तीय पक्ष को देखा है, उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ को कम से कम 5000 करोड़ रुपये का लाभ होगा यदि बोली योजना के अनुसार होती है, जिसमें बहुत सारे बड़े व्यापारिक समूह बोली लगाने में सक्रिय रुचि दिखाते हैं।

अधिकारी ने कहा, “बीसीसीआइ अधिक नहीं तो 5000 करोड़ की सीमा में कुछ भी उम्मीद कर रहा है। अगले सीजन में 74 आइपीएल मैच होंगे और यह सभी के लिए फायदे की स्थिति है।” पता चला है कि 3000 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को ही टीमों के लिए बोली लगाने की अनुमति होगी। एक स्वागत योग्य समाचार में बीसीसीआइ एक संघ को टीमों के लिए बोली लगाने की अनुमति देने की योजना बना रहा है, क्योंकि यह बोली प्रक्रिया को और अधिक जीवंत बनाता है।

सूत्र ने कहा है, “मुझे लगता है कि तीन से अधिक व्यावसायिक संस्थाओं को एक संघ बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, लेकिन यदि तीन व्यवसाय एक साथ आते हैं और एक टीम के लिए संयुक्त रूप से बोली लगाना चाहते हैं, तो उनका ऐसा करने के लिए स्वागत है।”

जिन स्थानों पर टीमें आधारित हो सकती हैं, उनमें अहमदाबाद, लखनऊ और पुणे शामिल हैं। अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम और लखनऊ में इकाना स्टेडियम, बड़ी क्षमता वाले स्टेडियम हैं, जो फ्रेंचाइजी के लिए पसंद हो सकते हैं। कुछ नाम जो चर्चा में हैं, उनमें अडानी समूह, आरपीजी संजीव गोयनका समूह, प्रसिद्ध फार्मा कंपनी टोरेंट और एक प्रमुख बैंकर शामिल हैं, जिन्होंने टीमों को खरीदने में सक्रिय रुचि दिखाई है।