भारत ने 99 देशों के टूरिस्‍ट के लिए आज से क्‍वारंटीन फ्री प्रवेश बहाल की, लेकिन यात्री होना चाहिए फुली वैक्सिनेटेड

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    भारत ने उन 99 देशों के यात्रियों के लिए पृथकवास-मुक्त प्रवेश सोमवार को फिर से शुरू किया, जिन्होंने कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की है. इस संबंध में कोविड-19 के चलते रोक करीब 20 महीने पहले लगाई गई थी.

    अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 नवंबर को जारी संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, श्रेणी-ए के तहत सूचीबद्ध इन 99 देशों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और रूस शामिल हैं. इन देशों के यात्रियों को निर्धारित यात्रा से पहले एयर सुविधा पोर्टल पर निगेटिव कोविड-19 आरटीपीसीआर रिपोर्ट के अलावा स्व-घोषणा फॉर्म जमा करना होगा. आरटी-पीसीआर जांच यात्रा शुरू होने से 72 घंटे के भीतर की जानी चाहिए.

    प्रत्येक यात्री को रिपोर्ट की प्रामाणिकता के संबंध में एक घोषणापत्र भी प्रस्तुत करना होगा और यह गलत पाए जाने पर उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है.

    दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ये ऐसे देश हैं, जिनका भारत के साथ राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त या विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता प्राप्त टीकों के टीकाकरण प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर समझौता है. इसी तरह, ऐसे देश हैं जिनका भारत के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं है, लेकिन वे उन भारतीय नागरिकों को छूट देते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त या डब्ल्यूएचओ से मान्यता प्राप्त कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराकें लगाई गई हैं.

    भारत ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, सिंगापुर समेत कुछ देशों को जोखिम में माना
    दिशानिर्देश में कहा गया है कि पारस्परिकता के आधार पर, ऐसे सभी देशों (श्रेणी ए देशों) के यात्री जो भारतीयों को पृथकवास-मुक्त प्रवेश प्रदान करते हैं, उन्हें आगमन पर कुछ छूट दी जाएगी. ऐसे कुछ देश हैं जिन्हें वर्तमान में भारत द्वारा जोखिम में माना जाता है, जिसका मतलब है कि वहां के यात्रियों को जांच सहित आगमन पर अतिरिक्त उपायों का पालन करना होगा. ये देश हैं ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे और सिंगापुर.

    भारत ने सोमवार से दुनिया भर से ऐसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए
    केंद्रीय पर्यटन विभाग मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ऐसे में भारत ने सोमवार से दुनिया भर से ऐसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं. भारतीय पर्यटन मुंबई ने एयर फ्रांस की उड़ान एएफ 218 से मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के पहले जत्थे का गर्मजोशी से स्वागत किया.

    टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्री को क्‍वारंटीन होने की जरूरत नहीं
    दिशानिर्देशों के अनुसार, टीके की दोनों खुराक ले चुके यात्री किसी ऐसे देश से आ रहे हैं, जिसके साथ भारत की डब्ल्यूएचओ अनुमोदित कोविड-19 टीकों की पारस्परिक स्वीकृति के लिए पारस्परिक व्यवस्था है, तो उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी और उन्हें पृथकवास से गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी. वे आगमन के बाद 14 दिनों तक अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करेंगे.

    एक डोज लेने वालों या नहीं लेने वालों के लिए ये है गाइडलाइन
    दिशानिर्देशों के अनुसार यदि टीके की एक खुराक ली गई है या टीकाकरण नहीं किया गया है, तो यात्रियों को आगमन के बाद आगमन के बिंदु पर कोविड जांच के लिए नमूने देने सहित अन्य उपाय करने की आवश्यकता होती है. इसके बाद उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी. इसमें कहा गया है कि ऐसे यात्रियों को सात दिनों के लिए पृथकवास में रहना होगा, आगमन के आठवें दिन फिर से जांच की जाएगी और यदि परिणाम नकारात्मक हैं, तो उन्हें और सात दिन अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी. दिशानिर्देशों में कहा गया है, कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के पूरा होने के बाद से पंद्रह दिन बीत चुके होने चाहिए.

    जोखिम मुक्‍त देशों के यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी
    जोखिम देशों को छोड़कर अन्य देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी और वे आगमन के बाद 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करेंगे. यह उन सभी देशों के यात्रियों पर लागू होता है, जिनमें वे भी शामिल हैं जिनके साथ डब्ल्यूएचओ-अनुमोदित टीकों की पारस्परिक स्वीकृति के लिए पारस्परिक व्यवस्था मौजूद है.