India-Japan Summit: भारत-जापान के बीच हुए कई अहम समझौते, यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध पर भी हुई चर्चा

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    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने शनिवार को अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) के साथ द्विपक्षीय आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बातचीत की. जापान के पीएम की भारत यात्रा पर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने आज यूक्रेन पर अपने दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया. सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में मोदी और किशिदा ने यूक्रेन में हिंसा को तत्काल रोकने का आह्वान किया और विवाद का समाधान बातचीत के जरिए निकालने पर जोर दिया.

    व‍िदेश सच‍िव ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष और मानवीय संकट के बारे में दोनों देश के प्रधानमंत्रियों ने गंभीरता व्यक्त की और इंडो-पैसिफिक के लिए व्यापक प्रभाव का आकलन किया. हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि इस दौरान दोनों देशों के बीच तीन समझौते साइबर सुरक्षा पर सहयोग का एक ज्ञापन, सतत विकास के क्षेत्र में सहयोग का एक ज्ञापन और अपशिष्ट जल प्रबंधन पर सहयोग का एक ज्ञापन संपन्न हुए हैं.

    यहां जापान के प्रधानमंत्री किशिदा ने यूक्रेन पर रूस के हमले को ‘बहुत गंभीर’ मामला करार देते हुए कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जड़े हिल गई हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि बल के प्रयोग से किसी भी क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री किशिदा ने यह टिप्पणी 14वीं भारत-जापान शिखर वार्ता के बाद मीडिया से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में की. दोनों नेताओं ने यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा के महत्व को भी रेखांकित किया.

    दोनों नेताओं ने संघर्ष पर यूक्रेन संकट पर जताई गंभीर चिंता
    बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संघर्ष पर गंभीर चिंता जताई और खासतौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इसके वृहद असर का आकलन किया. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने यूक्रेन में मानवीय संकट पर भी चर्चा की. मोदी के साथ 14वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन के तहत बातचीत करने के बाद किशिदा ने मीडिया से कहा, ‘मैंने मोदी से कहा है कि एकतरफा तरीके से बल के जरिए यथास्थिति को बदलने की कोशिश को किसी भी क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम दोनों सभी विवादों का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने की जरूरत पर सहमत हुए हैं.’

    किशिदा ने संवादाताओं से कहा, ‘हमने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की. यूक्रेन पर रूस का हमला गंभीर मुद्दा है और इसने अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की जड़े हिला दी हैं. हमें इस मामले को ‘मजबूत संकल्प’ के साथ देखने की जरूरत है.’ वहीं, मोदी ने अपने संबोधन में प्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन पर रूस के हमले का उल्लेख नहीं किया लेकिन भू-राजनीतिक घटनाओं का संदर्भ दिया जिससे नई चुनौती पैदा हो रही है.