राज्यों के वैक्सीन बढ़ाने की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बोले- इन आरोपों से केंद्र की छवि खराब हो रही

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कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए वैक्सीनेशन मुहिम चलाई गई है, लेकिन टीके की कमी के कारण कई राज्यों में यह मुहिम कमजोर पड़ती जा रही है। महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान और ओडिशा में टीके की कमी के कारण कई केंद्रों को बंद कर दिया गया है। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्यों की ओर से टीके की कमी के सवाल उठाने पर नाराजगी जताई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि राज्यों के ये आरोप केंद्र सरकार के समग्र दृष्टिकोण को नुकसान पहुंचाता है और लोगों में ओछी राजनीति को दर्शाता है। 

दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन गुरुवार को छह राज्यों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर समीक्षा बैठक की।  बैठक में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने वैक्सीन की खुराक बढ़ाने की मांग की। बता दें कि ये सभी राज्य कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हैं। इन राज्यों में कर्नाटक का सबसे बुरा हाल है। कर्नाटक के बंगलूरू में संक्रमण दर 34 फीसदी तक पहुंच गई है, यह देश के किसी भी शहर की तुलना में सर्वाधिक हैं। इसके बाद मुंबई में कोरोना से हालात खराब है।

कई राज्यों में टीका केंद्रों को बंद किया गया
वहीं दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 14 फीसदी है। 1 मई से 18 से 44 साल के लोगोंं को टीकाकरण करने का अभियान चलाया गया, लेकिन राज्यों में टीके की कमी के चलते रोक दिया गया है। केंद्र सरकार ने 45 प्लस वाले लोगों की दूसरी खुराक लगाने को कहा है। ऐसे में दिल्ली, मुंबई, ओडिशा, राजस्थान समेत कई राज्यों में 18 प्लस वालों को टीका नहीं लगाया जा रहा है। इन राज्यों में वैक्सीन की किल्लत की वजह से कई टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है।  

केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रही है। वहीं राज्यों के पास टीकों की खरीद के लिए गैर सरकार चैनल मौजूद हैं। इस चैनल के इस्तेमाल से राज्य टीका निर्मताओं से सीधा संपर्क कर टीके ले सकती है।