मजबूर और ज़रूरतमंद का सहारा बनी गुंजन वर्मा

    1010

    -कोरोना महामारी में हर मदद है जरूरी
    -इस कठिन समय में लखनऊ की गुंजन वर्मा मजबूर और जरूरतमंद लोगों की हर तरह से कर रही है मदद

    कोरोना महामारी ने आज भले ही लोगों को लोगों से दूर कर रखा है, लेकिन इस कठिन समय में हमें समझना चाहिए कि हम सबसे पहले एक इंसान हैं, और इस समय ऑक्सीजन के अलावा इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है मानवता। इस संकट के समय में कई लोग अपने घरों से बाहर आकर मजबूर और जरूरतमंद लोगों की सहायता कर रहे हैं।

    कोरोना महामारी ऐसी आपदा जो न पहले किसी ने सुनी न देखी। देश ही नहीं, पूरी दुनिया में इस कदर खौफ है कि लोगों ने खुद को अपने घरों में समेट लिया। लेकिन ऐसे भी कुछ लोग है जो दिन रात खुद की परवाह किये बिना जरुरतमंदो और गरीबो की जिंदगी को आसान बनाने की कोशिस में लगे हुए है. इस संकट के समय ऑक्सीजन के अलावा देश को सबसे बड़ी जरूरत है मानवता की। लॉकडाउन के दौरान गरीबों के सामने कोरोना से बड़ी भूख की समस्या आ खड़ी हुई। ऐसे कठिन हालात में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की गुंजन वर्मा ने खौफ के साथ सुख-चैन को तिलांजलि दे दी और निकल पड़ी गरीबों की मदद करने।

    BHN News से वार्ता में गुंजन वर्मा ने बताया कि वह पिछले लॉकडाउन से ही आस-पास के गरीब क्षेत्रों में ड्राई राशन प्रदान करती आ रही है, और इस साल जब महामारी ने विकराल रूप धारण किया तो लोगों स्तिथि और बेहाल हो गयी, वह लगातार जरुरतमंदो कि मदद करती रही कभी ऑक्सीजन सिलिंडर कि व्यवस्था करा के तो कभी इलाज में इस्तेमाल हो रही दवाइयों को लोगों तक पंहुचा कर उन्होंने कई जिंदगिया बचाई।

    गुंजन ने बताया कि राशन प्रदान करने के साथ-साथ उन्होंने गरीब क्षेत्रों के लोगों को जागरूक भी किया, जिनके पास सुविधाएं और माध्यम कम होने के कारण कोरोना कि सही जानकारी प्राप्त नहीं थी, साथ ही उन्होंने मास्क, सैनिटाइजर भी बाटें।

    गुंजन वर्मा कहती हैं कि लोगों को लगता है कि एक व्यक्ति आखिर क्या कर सकता है, अकेले कितनो कि मदद कर सकता है, यह सोच कर कई लोग पीछे हट जाते है लेकिन में उन सभी से यह कहना चाहूंगी कि – ‘वह एक व्यक्ति ही होता है जो सबसे अलग और अनूठी विचारधारा का निर्माण करता है जिसमे बाद में अन्य लोग भी शामिल होते हैं, वह एक व्यक्ति अगर किसी एक जरूरतमंद कि भी मदद कर दे तो वह उसका भगवान बन जाता है।’

    गुंजन ने कहा- आज के कठिन समय में जब बहुत से लोग राशन और खाने पीने का सामान तक खरीदने में असमर्थ हो रहे हैं ऐसे में महिलाएं भला अपने लिए सैनिटरी पैड्स कहां से खरीदेंगी । ऐसी ही स्थिति झुग्गियों में देखी जब हम राशन वितरण के लिए गए थे ।
    अतः उन महिलाओं की समस्या को थोड़ा कम करने के उद्देश्य से सैनिटरी पैड्स का वितरण झुग्गियों की महिलाओं में किया गया।

    कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जरुरतमंदो का फायदा उठाने वाले लोगों के प्रयासों को देख गुंजन वर्मा बेहद दुखी हुई, वह कहती है कि-मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है और किसी भी कठिन परिस्तिथि को हम सरलता से पार कर सकते है अगर सब एक दूसरे का साथ दे तो, बजाए किसी मजबूर और जरूरतमंद का फायदा उठाये, अगर हम सक्षम है तो हमे अपने हाथ मदद के लिए हमेशा बढ़ाते रहने चाहिए।

    गुंजन वर्मा का मानना हैं कि जब हम स्वयं सहायता के लिए सक्षम हो तो किसी का इंतजार नहीं करना चाहिए और आगे बढ़कर उन सबअभी कि मदद करनी चाहिए जो कष्ट से गुजर रहे है। गुंजन आगे बताती है कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोगों में मानसिक कष्ट बढ़ने की कई संभावनाएं है, जिसको मद्देनज़र रखते हुए उनका एनजीओ ‘नीशू वेलफेयर फाउंडेशन’ रोज़ाना मानसिक स्वास्थ एवं योग सेशन करता है, जहा डॉक्टर्स, योग ट्रेनर्स और अन्य लोग जुड़कर लोगों को पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने की प्रेरणा प्रदान करते है।

    गौरतलब है की ‘नीशू वेलफेयर फाउंडेशन’ महामारी से पहले झुग्गि-झोपड़ी के बच्चो को फ्री एजुकेशन दप्राप्त करता था, उन्हें नयी किताबे बाटकर उनको पढ़ने के लिए प्रेरित करते है। कई गरीब क्षेत्रों में शिक्षा और हाइजीन जागरूकता अभियान चलाता था।