रायबरेली से भाजपा उम्मीदवार अदिति सिंह ने बोला हमला “कांग्रेस में कोई वेटेज नहीं है और पार्टी में नेतृत्व का गंभीर संकट है। कांग्रेस के पास 5 साल तक राज्य में पीछे मुड़कर देखने का समय नहीं है, वे यहां चुनाव से पहले ही आते हैं। यूपी में लोग बीजेपी के दोबारा सत्ता में आने का स्वागत करने को तैयार.”
रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह, जिन्होंने हाल ही में भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी, आगामी विधानसभा चुनाव में रायबरेली सीट से चुनाव लड़ेंगी.
रायबरेली की सीट अदिति सिंह के परिवार के पास 1989 से रही है. इनके ताऊ अशोक कुमार सिंह 1989 और 1991 में जनता दल से विधायक थे. फिर इनके पिता अखिलेश सिंह साल 1993 से 2012 तक लगातार पांच बार विधायक रहे. 1993 से 2002 तक वह कांग्रेस से जीतते रहे, लेकिन 2007 में निर्दलीय और 2012 में पीस पार्टी से वह जीते. लंबे अंतराल के बाद यह पहला मौका है जब अखिलेश सिंह जीवित नहीं हैं. पिछला चुनाव अदिति सिंह ने पिता अखिलेश के रहते लड़ा था.
हालांकि इस बार उनके भाजपा से लड़ने की उम्मीद है. पिता अखिलेश जीवित नहीं हैं और भाजपा के लिए यह सीट मुफीद नहीं है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भी यह सीट परिवार विशेष की झोली में जाएगी या टूटेगा तिलिस्म. हालांकि भाजपाई आश्वस्त हैं कि भले सदर सीट पर कमल न खिल सका हो, लेकिन इस बार परिवार का साथ मिला तो पार्टी भी यहां जीत का जश्न मनाएगी. उधर इस सीट का परिवार विशेष के पास रहने का कारण अखिलेश की छवि को बताते हैं.