निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के नियमों में दी ढील, सुबह 6 से रात 10 बजे तक प्रचार करने की छूट, पदयात्रा पर लगी रोक हटी

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election commision of india
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निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने आज शनिवार की शाम को देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार (Election
campaigning) पर कोविड-19 के कारण लगे प्रतिबंधों में ढील दी है. आयोग ने अब सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे के बीच चुनाव प्रचार की अनुमति दे दी है. इससे पहले सुबह 8:00 बजे से रात 8:00 बजे तक ही प्रचार किया जा सकता था. कोरोना के कारण हुए सीमित संख्या में लोगों के साथ पदयात्राओं की अनुमति दे दी और साथ ही प्रचार अभियान पर प्रतिबंध की अवधि कम कर दी।

चुनाव आयोग के अनुसार, चुनाव प्रचार अब सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक के बजाय सुबह छह बजे से रात 10 बजे के बीच किया जा सकता है. इससे उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को एक दिन में प्रचार करने के लिए चार घंटे और मिलेंगे.

निर्वाचन आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कोविड​​​​-19 के मामलों में वृद्धि के चलते प्रत्यक्ष रैलियों, रोड शो और पदयात्राओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. आयोग समय-समय पर महामारी की स्थिति की समीक्षा कर रहा है और कुछ छूट दे रहा है.

निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार निर्धारित खुले स्थानों की क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा निर्धारित सीमा, जो भी कम हो, के साथ खुले क्षेत्रों में प्रचार कर सकते हैं. अभी तक सभा और रैलियों जैसे बाहरी आयोजनों की सीमा खुली जगह या मैदान की क्षमता का 30 प्रतिशत थी.

पदयात्राओं पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस तरह के जमावड़े में राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा अनुमत संख्या से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते. हालांकि, राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को एसडीएमए सीमाओं के अनुसार केवल अनुमत व्यक्तियों के साथ पदयात्रा के लिए जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी.

चुनाव आयोग ने कहा, एसडीएमए की सीमाओं के अनुसार और केवल जिला अधिकारियों की पूर्व अनुमति से ही पदयात्रा की अनुमति दी जाएगी. आयोग ने कहा कि चुनाव से संबंधित अन्य सभी मौजूदा प्रावधान यथावत रहेंगे. इससे पहले, पोल पैनल ने देश में विशेष रूप से मतदान वाले राज्यों में कोविड की स्थिति की समय-समय पर समीक्षा की है.

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, भले ही गैर-चुनाव वाले राज्यों से कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे हों, लेकिन देश में कुल रिपोर्ट किए गए मामलों में चुनाव वाले राज्यों का योगदान बहुत कम है. कोविड के आंकड़ों की बात करें तो 21 जनवरी को लगभग 3.47 लाख मामले सामने आए थे, जो कि शनिवार यानी 12 फरवरी को घटकर लगभग 50,000 रह गए हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में कोरोना के मामलों की कुल संख्या 22 जनवरी को 32,000 से अधिक थी, जोकि 12 फरवरी को घटकर लगभग 3,000 रह गई है.