प्राइवेट स्कूल संगठनों ने मांगा दिल्ली सरकार से 520 करोड़ रुपए का मुआवजा, बोले दो लाख बच्चे निजी से सरकारी स्कूलों में हुए शिफ्ट

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दिल्ली के निजी स्कूलों से करीब दो लाख बच्चे स्कूलों की डेढ़ से दो साल की बकाया फीस दिए बिना सरकारी स्कूलों में शिफ्ट हो गए हैं। इससे स्कूलों को करीब 520 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी जानकारी देते हुए दिल्ली के निजी स्कूलों से जुड़े संगठनों ने संयुक्त रुप से चेतावनी दी है कि वह अपने नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार पर 520 करोड़ रुपए का दावा ठोकेंगे। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की थी कि जो अभिभावक स्कूलों की फीस नहीं दे पा रहे वह बिना स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के सरकारी स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं। 

दिल्ली के तमाम स्कूली संगठन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल अलायन्स (नीसा) के नेतृत्व में अर्फोडेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (एप्सा), दिल्ली इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन (डिसा), साउथ दिल्ली मैनेजमेंट स्कूल एसोसिशन (एसडीएमएसए) और प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल एसोसिएश (पीएलपीएसए) ने दिल्ली सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नीसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने स्कूली संगठनों के साथ मिलकर ऐलान किया कि वे स्कूलों की फीस के नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार पर 520 करोड़ रुपए का दावा ठोकेंगे। 

स्कूल संगठनों का कहना है कि शिक्षा मंत्री की घोषणा के कारण करीब दो लाख बच्चे निजी स्कूलों की डेढ़ से दो साल की बकाया फीस दिए बिना सरकारी स्कूलों में शिफ्ट हो गए। इससे स्कूलों पर अपने खर्चे भी निकालने का संकट गहरा गया है। कोरोना महामारी के कारण बीते डेढ़ साल से स्कूल बंद चल रहे हैं। छोटे व मध्यम स्तर के स्कूल इस कारण से बंद होने के कगार पर हैं और अब शिक्षा मंत्री की घोषणा से उनकी कमर ही टूट गई है। स्कूल संगठनों ने अब सरकार को सड़क से लेकर कोर्ट तक घेरने का फैसला किया है। कुलभूषण शर्मा ने कहा कि अब सरकार से अपनी फीस के नुकसान के तौर पर 520 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगेंगे। साथ ही मानहानि का मुकदमा भी किया जाएगा।