दिल्ली किसान आंदोलन को रफ्तार देने में जुटे किसान नेता, सीमाओं पर मंच से भर रहे हैं जोश

502

आंदोलनकारी किसान पीछे हटने को राजी नहीं हैं। सरकार अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। इस बीच आंदोलन में भीड़ के नरम-गरम हालात को लेकर किसान नेता सक्रिय हो गए हैं। वे आंदोलन को रफ्तार देने में जुट गए हैं। दिल्ली की सीमाओं पर फिर से भीड़ जुटे इसके लिए किसान नेता और उनके समर्थक निकल पड़े हैं। 18 फरवरी को रेल रोकने के एलान के बाद दिल्ली की तीनों सीमाओं पर भीड़ को बढ़ाने के जतन हो रहे हैं। 

गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही किसानों के बीच प्रसिद्ध पंजाबी गायक बब्बू मान के पहुंचने की चर्चा थी। इसे देखते हुए मंच के आसपास सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। किसानों की आंखों में बब्बू मान की एक झलक पाने की उम्मीद साफ नजर आ रही थी। दोपहर में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी सभी बैठकों को खत्म कर मंच पर पहुंचे। कुछ देर बाद बब्बू मान अपनी सफेद कार से मंच तक पहुंचे। मंच पर अन्य दिनों के मुकाबले भीड़ कम थी, लेकिन मान के पहुंचते ही मंच की ओर भीड़ बढ़नी शुरू हो गई। खासकर, बच्चों और युवाओं में मान को देखने और सुनने का उत्साह था।

इस बीच किसानों ने नारे लगाकर टिकैत और बब्बू मान का स्वागत किया। मंच पर बब्बू मान ने जैसे ही माइक संभाला तो आसपास के माहौल में उत्साह की लहर दौड़ पड़ी। किसानों के साथ बब्बू मान को देखने के लिए पहुंचे अन्य लोगों ने भी जोरदार नारे लगाकर उत्साह बढ़ाया। इस बीच लोगों ने बब्बू मान से गीत सुनाने की भी अपील की। मान ने अपने कुछ प्रमुख गीतों को सुनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा तब तक किसान डटे रहेंगे। यदि कोई किसान को मारे तो उसे खाना खिलाकर शर्मिंदा किया जाए, जिससे उसे अपने किए पर पछतावा हो। सरकार अब किसान और मजदूर के हिसाब से चलेगी।

उन्होंने भाईचारे का संदेश देते हुए जाट और जट को भाई-भाई बताया। उन्होंने कहा कि एक आंसू ने आंदोलन की पूरी बाजी पलट दी है। किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण होना चाहिए, अनुशासनहीनता से काम नहीं चलेगा। 

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को भ्रम है कि किसान गर्मी में चले जाएंगे, लेकिन यह आंदोलन अक्तूबर के बाद भी चल सकता है। इसके लिए किसान पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि एक-दो दिन में गाजीपुर बॉर्डर पर किसान क्रांति पार्क का भी निर्माण किया जाएगा। इसमें भारतीय किसान यूनियन का झंडा भी लगेगा। यदि सरकार हमें बिजली का मीटर उपलब्ध नहीं कराएगी तो यहां जनरेटर चलाएंगे और आने वाली गर्मी में सभी संसाधन जनरेटर की मदद से चलेंगे। उन्होंने किसानों से एक सप्ताह की आंदोलन रणनीति का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो भी किसान एक सप्ताह पहले आएगा वह कम से कम एक सप्ताह आंदोलन का हिस्सा बनकर जाएगा। इसके बाद वह अपने घर जा सकता है। इसके बदले में अन्य किसान आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने किसानों से कार से न आने की अपील करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली से आने की अपील की।