मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ : सीएम हेल्पलाइन 1076 तय करेगा अधिकारियों का ‘कैरेक्टर’, निस्तारित जनता की समस्याओं की होगी रेटिंग

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cm yogi adityanth
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश के किसी भी नागरिक को कोई समस्या हो, बेझिझक सीएम हेल्पलाइन 1076 पर सम्पर्क कर सकता है. उन्होंने कहा है कि सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों के आधार पर फील्ड में तैनात अधिकारियों के प्रदर्शन का आंकलन होगा. सीएम ने साफ कहा है कि तहसीलदार हो या थानाध्यक्ष, अगर जनता इनके कार्यों से संतुष्ट नहीं है तो इनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित होगी.

लोकभवन में बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन 1076 के अधिकाधिक प्रयोग के लिए जनता को जागरूक करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना एवं तहसील स्तर पर जिस भी व्यक्ति की समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है, वह व्यक्ति अपनी समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन 1076 पर कभी भी संपर्क कर सकता है. हेल्पलाइन पर मिली ऐसी शिकायतों का तत्परता से निराकरण कराया जाएगा. इसके साथ ही थाना तथा तहसील स्तर पर जनता की शिकायत का निस्तारण किये जाने को लेकर जिले के जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान और थानेदार को जवाबदेह बनाया जाएगा. यही नहीं सीएम हेल्पलाइन पर फर्जी शिकायत दर्ज करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

सीएम ने कहा कि अब थाना तथा तहसील स्तर पर निस्तारित हुई जनता की समस्याओं की रेटिंग भी की जायेगी, ताकि यह पता चल सके कि किस जिले में जनता की समस्याओं के निस्तारण में तेजी दिखाई जा रही है? मुख्यमंत्री आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करते हुए सीएम योगी ने थाना एवं तहसील स्तर पर जनता की समस्याओं के निस्तारण संबंधी तंत्र पर चर्चा करते हुए यह फैसला लिया है.

दरअसल मुख्यमंत्री को यह पता चला था कि थाना तथा तहसील स्तर पर जनता से मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण ठीक से नहीं हो रहा है. इस पर मुख्यमंत्री ने जनता से मिलने वाली हर शिकायत के निस्तारण की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश दिया. जिसके तहत ही सीएम हेल्पलाइन पर थाना एवं तहसील स्तर पर निस्तारित ना हो पाने वाले प्रकरणों को जनता से प्राप्त करने का फैसला किया गया. सरकार का मत है कि सीएम हेल्पलाइन के जरिये जनता की समस्याओं के निस्तारण में तेजी आयेगी.

सीएम हेल्पलाइन ने कोरोना संकट के दौरान जनता की मदद करने में बेहद अहम भूमिका निभाई थी. देश के सबसे बड़े इस सरकारी हेल्पलाइन में कुल 250 ऑपरेटर चौबीसों घंटे लोगों की समस्याओं के निबटारे और उनकी निगरानी के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. लॉकडाउन के शुरुआत में सीएम हेल्पलाइन के जरिए सभी जिलों के गांवों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले उन लोगों की सूची तैयार की गई थी जो सर्दी-खांसी से पीड़ित थे. इसी हेल्पलाइन के जरिए तब सभी प्रधानों और सभासदों को फोन करके प्रवासी लोगों के भरण-पोषण और उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने को गया था.

इसके अलावा तब सभी प्रधानों और पार्षदों को फोन करके राशन और भोजन वितरण, क्वारंटाइन, प्रवासी मजदूरों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे बिंदुओं पर फीडबैक लिया गया था और किसी भी सरकारी सिस्टम के बगैर दूसरे राज्यों से पहुंचे लोगों के इलाज आदि का भी पता लगाया गया था.