टीके की कमी पर केंद्र ने कहा- पर्याप्त स्टॉक – महाराष्ट्र के पास वैक्सीन की 15.63 लाख खुराकें, ठीक से करें वितरण

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कोविड-19 रोधी टीके की किल्लत की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र को कोविड-19 रोधी टीके की दी गयी 1.10 खुराकों में से उसके पास 15.63 लाख खुराकें बची हुई हैं और उन्होंने ठीक से इसका वितरण करने को कहा। इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य के पास आठ लाख खुराकें उपलब्ध हैं और हमें बताया गया है कि एक दिन में चार लाख खुराकें दी जाएंगी।

जावडेकर ने कहा कि महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र को अगले तीन दिनों में 1100 से ज्यादा वेंटिलेटर मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि औद्योगिक उत्पादन इकाइयों से ऑक्सीजन की आपूर्ति भी कराई गई है। टीके की उपलब्धता को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बारे में पूछे जाने पर जावडेकर ने कहा कि यह मुद्दे पर राजनीति करने का का समय नहीं है और बाद में उपयुक्त जवाब दिए जाएंगे।

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के साथ समीक्षा बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, शुक्रवार शाम छह बजे तक राज्य स्तरीय रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र को टीके की 1.10 करोड़ खुराकें मिल गई है। देश में केवल तीन राज्यों को एक करोड़ से ज्यादा खुराकें मिली है। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान हैं। जावड़ेकर ने कहा कि इन 1.10 करोड़ खुराकों में से नौ अप्रैल तक 95 लाख खुराकों का महाराष्ट्र में इस्तेमाल हो चुका है।

उन्होंने कहा, राज्य के पास टीके की 15.63 लाख खुराकें हैं। यह तथ्य सबको पता है। मैंने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से बात की है। सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि 15 लाख खुराकों का ठीक तरीके से वितरण होना चाहिए ताकि राज्य में किसी भी टीकाकरण केंद्रों पर टीका नहीं होने के पोस्टर ना लगे। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि ऐसा (ठीक से टीके का वितरण) होगा।

महाराष्ट्र सरकार ने आशंका व्यक्त की है कि अगर इसी तरह संक्रमण के मामले बढ़ते रहे तो स्वास्थ्य तंत्र पर दबाव बहुत बढ़ जाएगा। राज्य के विभिन्न हिस्से से वेंटिलेटर बेड की किल्लत की भी खबरें आई हैं। टोपे ने सवाल किया था, आज हमारे पास आठ लाख टीके मौजूद हैं और हमें बताया गया है कि एक दिन में चार लाख खुराकें और मिलेंगी। अगर रोजाना आधार पर टीकों की आपूर्ति होती है, तो फिर समय रहते राज्य के अन्य हिस्सों में टीकों की आपूर्ति कैसे की जाएगी?

टोपे ने कहा कि मुंबई में 70 टीका केंद्र बंद हैं और सांगली, सातारा, पनवेल में भी टीके की कमी है, जिस कारण वहां के सभी केंद्र प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि इन केंद्र पर जाने वाले लोगों को वापस लौटाया जा रहा है। यह काफी शर्मिंदगी की बात है। उन्होंने कहा कि राज्य में टीके की बर्बादी का प्रतिशत महज तीन फीसदी है। टोपे ने कहा, केंद्र इन समस्याओं का समाधान गंभीरता से नहीं कर रहा है। कोविड-19 रोधी टीके की उपलब्धता को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बारे में पूछे जाने पर जावड़ेकर ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है।

उन्होंने कहा, जब हमें राजनीति करनी होगी, हम इन आरोपों पर समुचित जवाब देंगे। मौजूदा हालात में लोगों के हितों से बढ़कर कुछ नहीं है। टोपे ने आरोप लगाया है कि आबादी के हिसाब से महाराष्ट्र से छोटे राज्यों और संक्रमितों की कम संख्या के बावजूद दूसरे राज्यों को ज्यादा टीके दिए गए। राज्य के विभिन्न हिस्से से वेंटिलेटर बेड की किल्लत की भी खबरें आई हैं। महाराष्ट्र में वेंटिलेटर की कमी की बात को स्वीकार करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा, मैंने संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों के साथ विस्तृत चर्चा की है। अगले तीन-चार दिन में महाराष्ट्र को 1121 वेंटिलेटर मुहैया कराए जाएंगे।