ब्रिटेन में बुधवार को कोरोना वायरस के 1564 रोगियों की मौत हो गई जिसके साथ ही इस महामारी से देश में अबतक 84,767 लोगों की जान जा चुकी है। इन 1564 लोगों की मौत संक्रमित होने के 28 दिनों के अंदर हुई है जो पिछले साल महामारी के पैर पसारने के बाद सबसे बुरा आंकड़ा है। देश में 47,525 और लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जबकि लंदन में दिसंबर के प्रारंभ के बाद से अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में पहली बार गिरावट आई है।
ब्रिटेन में इससे पहले आठ जनवरी को एक दिन में सबसे अधिक 1325 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा इस दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 47,525 नए मामले दर्ज किये गए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ते हुए 3,211,576 हो गई है। देश की राजधानी लंदन में भी इस दौरान 202 लोगों की मौत हुई है और लंदन के मेयर सादिक खान ने पुष्टि की है कि राजधानी में कोरोना से दस हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अस्पतालों में गहन चिकित्सा कक्ष भर चुके है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेल्थ सर्विस की हालत बहुत बुरी है और स्वास्थ कर्मी बहुत अधिक दबाव में हैं। इसके अलावा उन्होंने लोगों से लॉकडाउन का पालन करने की एक बार फिर अपील की। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की शुरुआत से अबतक ब्रिटेन में दो लॉकडाउन लगाए जा चुके है और वर्तमान में तीसरा देशव्यापी लॉकडाउन लागू है।
इस बीच, ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने अब तक के अपने सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया है और इसके तहत देश भर की दवा दुकानों में कोविड-19 के टीके की आपूर्ति शुरू कर दी गई है। बूट्स एंड सुपरड्रग जैसी ब्रिटिश फार्मेसी श्रृंखला और कई अन्य दवा दुकानें उन प्रथम सैकड़ों सामुदायिक फार्मेसी में शामिल होंगी, जिन्हें प्रायोगिक आधार पर टीके उपलब्ध कराए जाएंगे। अगले पखवाड़े में 200 सामुदायिक फार्मेसी ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने वाली हैं क्योंकि फाइजर/बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के टीके इस महीने के अंत तक पहुंचने वाले हैं।