Bulli Bai app case: सुल्ली डील्स मामले में भी शामिल रहे हैं बुल्ली बाई एप केस के आरोपी, मुंबई पुलिस ने कोर्ट को दी ये जानकारी

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    Bulli Bai App case mastermind arrested

    मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने बुल्ली बाई एप केस (Bulli Bai App Case) में गिरफ्तार तीन आरोपियों की जमानत का विरोध किया है, क्योंकि शुरुआती जांच से पता चला है कि आरोपी सुल्ली डील एप (Sulli Deals app) से जुड़े मामले में भी शामिल थे. बीते सोमवार को बुल्ली बाई एप केस में आरोपी विशाल कुमार झा, स्वेता सिंह और मयंक रावत की जमानत याचिका का विरोध करते हुए मुंबई क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने सिटी कोर्ट में ये जवाब दाखिल किया. इसमें कहा गया कि शुरुआती जांच से पता चला है कि आरोपियों ने बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई की मदद से अपराध किया था. नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले में अब अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.

    सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं आरोपी
    पुलिस ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करने की मांग करते हुए तर्क दिया कि आरोपी भाग सकते हैं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस ने बताया कि बुल्ली बाई एप मामले में गिरफ्तार नीरज बिश्नोई और सुल्ली डील एप केस में गिरफ्तार ओंकारेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम दिल्ली भेजी है. पुलिस ने आगे कहा कि आरोपी सोशल मीडिया में खूब सक्रिय थे और इस प्लेटफॉर्म पर ऐसा कंटेंट पोस्ट कर रहे थे जिससे समाज में शांति भंग हो सकती है.

    नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका भी खारिज
    इससे पहले दिल्ली की एक अदालत नीरज बिश्नोई और ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है. मालूम हो कि नीरज बिश्नोई (20) बीटेक का छात्र है जिसे दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO टीम ने असम से बुल्ली बाई केस के मामले में गिरफ्तार किया है. दूसरी तरफ बांद्रा कोर्ट ने बुल्ली बाई एप केस की सह आरोपी स्वेता सिंहऔर मंयक रावत को 28 जनवरी तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है. इससे पहले दोनों को 14 जनवरी तक मुंबई पुलिस साइबर सेल की हिरासत में भेज दिया था. दोनों आरोपियों को पांच जनवरी को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था. वहीं विशाल कुमार 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में रहेगा.

    क्या है मामला
    दरअसल हाल में बुल्ली बाई एप पर मशहूर मुस्लिम महिलाओं ने खुद को नीलामी के लिए पाया था. कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरों को ‘नीलामी’ के लिए एप पर डाला गया. पीड़ित महिलाओं ने मशहूर पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वकील शामिल हैं.