अमेरिकी सेनाओं ने इस्लामिक स्टेट ग्रुप के बड़े आतंकवादी को मार गिराया

303
american army
american army

अमेरिकी सेनाओं ने गुरुवार को सीरिया में इस्लामिक स्टेट ग्रुप के एक आंतकवादी के छिपने की जगह का पता लगाया और यहां धावा बोल दिया. लेकिन इससे पहले कि अमेरिकी सैनिकों के हाथ इस आतंकवादी की गिरेबां तक पहुंचते आंतकवादी ने अपने परिवार के साथ स्वयं को एक धमाके से उड़ा दिया. अमेरिका ने बताया कि पिछले तीन वर्ष में यह दूसरी बार है जब उसकी सेना ने इस आतंकवादी संगठन के किसी नेता के छिपने की जगह का पता लगाया, जो इलाके में एक बार फिर सिर उठाने और विध्वंसक आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की कि उनके विशेष अभियान बलों ने रात में इस कार्रवाई को अंजाम दिया. अमेरिकी सेना के अधिकारियों के अनुसार इस आतंकवादी संगठन के लिए इस नेता का मरना एक बड़ा झटका साबित होगा.

इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन जब अपने चरम पर था तो सीरिया से लेकर इराक तक 40 हजार स्क्वायर मील से भी ज्यादा क्षेत्र पर उसका राज था. इस दौरान 80 लाख लोग उसके रहमोकरम पर जी रहे थे. आतंकी संगठन स्वयं को इन 8 मिलियन लोगों की जिंदगी का मालिक मानता था. पिछले महीने ही इस संगठन ने उत्तर-पूर्वी सीरिया में एक जेल पर हमला किया था, जिसमें कम से कम 3 हजार इस्लामिक स्टेट आतंकवादी बंद हैं.

अमेरिकी सेना के विशेष अभियान बलों को जानकारी मिली थी कि अबु इब्राहिम अल हाशिमी अल कूरायशी यहां छिपा हुआ है और गुरुवार को यह छापा उसी को पकड़ने के लिए मारा गया था. अबु इब्राहिम अल हाशिमी अल कूरायशी वही शख्स है जिसने अमेरिकी सेना के एक हमले में पूर्व ISIL प्रमुख अबू बकर अल बगदादी की मौत के बाद 21 अक्टूबर 2019 को इस संगठन की कमान संभाली थी.

हालांकि, अबू बकर अल बगदादी के उलट अल कुरैशी का नाम कम ही लोग जानते हैं. बगदादी जहां, समय-समय पर लोगों के सामने आता था, अल कुरैशी ज्यादातर समय छिपकर रहना पसंद करता था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, अल कुरैशी भी उसी तरह मरा, जैसे अल बगदादी की मौत हुयी थी. अल कुरैशी ने भी अमेरिकी सेनाओं को पास आते देश परिवार की महिलाओं और बच्चों सहित खुद को बम धमाके में उड़ा लिया.

बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा, ‘हमारे सैनिकों की बहादुरी की बदौलत यह खूंखार आतंकवादी नेता अब नहीं रहा.’ उन्होंने कहा कि अल-कुरैशी जेल हमले के साथ-साथ 2014 में इराक में यजीदी लोगों के खिलाफ नरसंहार के लिए भी जिम्मेदार था