नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अपने खिलाफ तालिबान की हत्या की कोशिश के 10 साल बाद मंगलवार को बाढ़ पीड़ितों से मिलने अपने पैतृक पाकिस्तान पहुंचीं।
आपको बता दे यूसुफजई सिर्फ 15 साल की थी, जब पाकिस्तानी तालिबान के आतंकवादियों के एक स्वतंत्र समूह ने लड़कियों की शिक्षा के लिए एक्टिविस्ट के अभियान को लेकर उसे सिर में गोली मार दी थी। जिसके बाद उन्हें जीवन रक्षक उपचार के लिए ब्रिटेन ले जाया गया और वह एक वैश्विक शिक्षा अधिवक्ता और नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की विजेता बन गईं।