चीनी विदेश मंत्री के साथ मॉस्को में हुई बैठक में जयशंकर ने सख्त तेवर में कहा- सीमा पर शांति होगी तभी करेंगे कारोबार

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पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर भारत और चीन में जारी तनातनी के बीच रूस की राजधानी मॉस्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने शंघाई सम्मेलन (SCO) से इतर मुलाकात की. इस दौरान सीमा पर जारी गतिरोध का चर्चा का केंद्र बिन्दु बना रहा. चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच तल्खी से बातचीत हुई.

इस बैठक में चीन का जोर इस बात पर था कि सीमा पर जारी तनाव से इतर द्विपक्षीय संबंध भी चलते रहें, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया. चीन का सीधा मतलब था कि सीमा पर वह जो कर रहा है वह चलता रहे और भारत से उसका व्यापार भी चलता रहे. इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने वांग को यह स्पष्ट किया कि अगर सीमा पर स्थितियां सही नहीं हुईं, तो कोई संबंध नहीं रखा जा सकता है.

जयशंकर ने सख्त लहजे में कहा कि सेना तब तक पीछे नहीं हटेगी, जब तक कि चीन की सेना भारतीय इलाकों से हट नहीं जाती. उन्होंने कहा सीमा पर शांति तभी बहाल होगी, जब चीन अपने हर बिन्दु पर वापस लौट जाएगा. इसके साथ ही भारत की ओर से चीन को यह स्पष्ट दिया गया कि अगर सीमा पर स्थितियां सामान्य नहीं होंगी, तो उसे हर तरह का नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा कि सीमा पर गतिरोध जारी रहे और व्यापार भी चलता रहे.