यूपी के इस अनोखे मंदिर जय कुतिया महारानी मां को देख हो जाएंगे हैरान…

237
bhn
bhn

भारत देश अपनी विभिन्न सांस्कृतिक व धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है. यह आस्था का देश है, जहां लाखों की संख्या में मंदिर हैं. कोई पेड़-पौधों की पूजा करता है तो किसी की आस्था पशुओं में है. यूपी के झांसी में तो एक मंदिर कुतिया महारानी का भी है. कुतिया महारानी के मंदिर के बारे में सुनकर आपको जरूर हैरानी होगी. लेकिन चौंकिए मत, ऐसा हकीकत में है.

सफेद चबूतरे पर काले रंग की कुतिया की मूर्ति

दरअसल यह मंदिर झांसी जिले के मऊरानीपुर तहसील में है. मऊरानीपुर के गांव रेवन और ककवारा की सीमा पर कुतिया महारानी का ये मंदिर है. ये एक छोटा-सा मंदिर है, जो सड़क किनारे बना है.सड़क किनारे एक सफेद चबूतरे पर काले रंग की कुतिया की मूर्ति स्थापित की गई है. लोग इस मंदिर में आते हैं, पूजा करते हैं, मत्था टेकते हैं.यहां के लोगों का कहना है कि एक कुतिया इन दोनों गांवों में रहती थी, जोइलाके के ही रहने वाले इतिहास के जानकार हरगोविंद कुशवाहा का कहना है कि कुतिया की मौत से दोनों गांव के लोगों को बहुत दुख हुआ था, जिसके बाद उन्होंने कुतिया को दोनों गांव की सीमा पर गाड़ दिया और कुछ वक्त बाद वहां एक मंदिर बना दिया. अब परंपरा ये है कि अगर आसपास के गांव में कोई आयोजन होता है तो लोग इस मंदिर पर जाकर भोजन चढ़ाते हैं. किसी भी आयोजन में खाने पहुंच जाती थी. एक बार रेवन गांव में भोजन का कार्यक्रम था.

फ़िलहाल रमतूला की आवाज सुनते ही कुतिया खाना खाने के लिए रेवन गांव में पहुंच गई. लेकिन, वहां खाना खत्म हो चुका था. इसके बाद वह ककवारा गांव पहुंची, वहां भी खाना नहीं मिला और इस तरह वह भूख से मर गई.