वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजी क्षेत्र से पूरे जुनून के साथ काम करने तथा खूब निवेश करने का आह्वान किया है। उन्होंने उद्योग जगत से कहा कि वह पिछले वर्ष कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती का भरपूर लाभ उठाएं और देश को दुनियाभर में सबसे तेजी से विकास कर रही इकोनॉमी बनाने में संपूर्ण योगदान दे।
ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआइएमए) के एक कार्यक्रम में उद्योग जगत को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री का कहना था कि कंपनियों को अपनी क्षमता के साथ-साथ उन बहुत सी वस्तुओं का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है, जो इकोनॉमी के लिए आवश्यक हैं। सरकार ने निवेश बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स कटौती, नीतियों में स्थायित्व और कारोबार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब वह निजी क्षेत्र द्वारा किए जाने वाले विस्तार का इंतजार कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं विभिन्न कारोबारों का नेतृत्व करने वालों से कहना चाहूंगी कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद से सरकार कंपनियों की विस्तार योजनाओं को आकार लेते देखना चाह रही है। अब नीतियां स्पष्ट हैं, टैक्स दरों को नीचे लाया जा चुका है, नीतियों में स्थायित्व है और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबारी सुगमता को लगातार मजबूती दी जा रही है। अब सरकार निवेशकों और निजी कंपनियों को पूरे जुनून के साथ देश को दुनिया की सबसे ज्यादा विकास कर रही इकोनॉमी बनाते देखना चाह रही है। अब यह पूरी तरह से आपके कंधों पर है।’
सरकार ने सितंबर, 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में सबसे बड़ी कटौती करते हुए उसे 10 फीसद तक घटा दिया था। इसके तहत बेस कॉरपोरेट टैक्स 30 से घटाकर 22 फीसद कर दिया गया था। इसके साथ ही पहली अक्टूबर, 2019 के बाद गठित और 31 मार्च, 2023 से पहले परिचालन शुरू कर देने वाली मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स 25 से घटाकर 15 फीसद किया गया था। इसका मकसद तात्कालिक वजहों से जूझ रही इकोनॉमी में निवेश को बढ़ावा देना था। कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से सरकार का राजस्व 1.45 लाख करोड़ रुपये घट गया था।