क्या नहीं चमकेगा 2022 में सोना, जानिए क्या होगा सोने का भविष्य

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आज से नए साल की शुरुआत हो गई है. साल 2021 गोल्ड और सिल्वर जैसे प्रीसियस मेटल के लिए कुछ खास नहीं रहा. सालाना आधार पर गोल्ड ने तो 3 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया. 2015 के बाद पहली दफा है जब सोने पर नेगेटिव रिटर्न मिला है. ऐसे में यह साल गोल्ड और सिल्वर के लिए कैसा रहेगा यह जानने की कोशिश करते हैं.

कमोडिटी मार्केट के जानकारों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट, फेडरल रिजर्व द्वारा इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी, डॉलर की मजबूती, क्रूड ऑयल प्राइस जैसे फैक्टर्स का येलो मेटल की कीमत पर असर होगा. कोरोना का खतरा बढ़ने के बीच इस बात की संभावना ज्यादा है कि इस साल में यह अपनी खोई चमक फिर से हासिल कर लेगा. महामारी एवं महंगाई से जुड़ी चिंताओं के बीच सुरक्षित निवेश माना जाने वाला सोना एक बार फिर 55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है.

वर्ष 2021 इसके लिए उतना अच्छा साल नहीं साबित हुआ. शेयर बाजारों में जारी तेजी के बीच सोने को लेकर निवेशकों का आकर्षण कम हो गया.

इसी वजह से सोना इस समय करीब 48,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव पर कारोबार कर रहा है. यह भाव सोने के सर्वकालिक उच्च स्तर से करीब 14 प्रतिशत कम है और जनवरी 2021 की तुलना में भी चार प्रतिशत नीचे है. इस गिरावट के बावजूद सोने का मौजूदा स्तर भी कुल अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक है, जिसके लिए अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत जिम्मेदार है.

कॉमट्रेंड्ज के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ज्ञानशेखर त्यागराजन सोने का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने के लिए इक्विटी बाजारों में मौजूद तेजी को वजह मानते हैं. उन्होंने कहा, “इसके साथ ही क्रिसमस एवं नव-वर्ष की छुट्टियों के आसपास कोविड संक्रमण बढ़ने की आशंका से लगाई गई पाबंदियां यूरोप के कई देशों में नजर आ रही हैं. अमेरिका ने भी अपने नागरिकों से घूमने-फिरने को लेकर काफी एहतियात बरतने की अपील की है.” त्यागराजन ने कहा कि नीतिगत दरों को कम करने से अमेरिकी डॉलर, यूरो एवं येन की तुलना में अधिक आकर्षक साबित हो सकता