बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच छिड़ी जंग , कहा- ‘ब्लाक कर रखा है उन्हें 2 साल से’

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Bengal Governor Vs Mamata
Bengal Governor Vs Mamata

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच घमासान तेज हो गया है. सीएम ममता बनर्जी द्वारा अपने ट्वीट अकाउंट से ब्लॉक करने के बाद राज्यपाल ने सीएम ममता बनर्जी को जवाब दिया है.  राज्यपाल ने ट्वीट किया, “संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि राज्य में कोई भी संवैधानिक मानदंड और कानून के नियमों को “ब्लॉक” नहीं किया जा सकता है, जो  “भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखते हैं.” बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यपाल को अपने ट्विटर अकाउंट से ब्लॉक कर दिया है. राज्यपाल ने कहा कि सीएम का दायित्व राज्यपाल को मांगी गई सूचनाएं देना है, लेकिन पिछले 2 सालों के लिए ब्लॉक कर दिया गया है.

बता दें कि ममता बनर्जी ने कहा कि वे धनखड़ के ट्वीट्स से परेशान थीं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया. ममता बनर्जी ने कहा, ” “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार चिट्ठी लिखकर धनखड़ को हटाने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.’’ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को धमकाने का काम कर रहे थे. बंगाल सीएम ने आरोप लगाया कि राज्यपाल धनखड़ ट्वीट्स के जरिए सरकारी अफसरों को इस तरह से धमका रहे थे, जैसे वे उनके बंधुआ मजदूर हों.

राज्यपाल ने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है कि राज्य में कोई भी संवैधानिक मानदंड और कानून के नियमों को “ब्लॉक” नहीं कर सकता है जो “भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखते हैं.” राज्यपाल ने कहा, ” अनुच्छेद 167 के तहत यह मुख्यमंत्री का संविधान “कर्तव्य” है कि वह राज्य के मामलों के प्रशासन और कानून के प्रस्तावों से संबंधित ऐसी जानकारी प्रस्तुत करे जो राज्यपाल मांगे.राज्यपाल को अब दो साल से सूचना “ब्लॉक” क्यों?

राज्यपाल जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच तकरार चल रही है. राज्यपाल लगातार ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साध रहे हैं और राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं. गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल और ममता बनर्जी के बीच तल्खी देखी गई थी. उसके बाद ममता बनर्जी की सरकार राज्यपाल के खिलाफ निंदा प्रस्ताव संसद और विधानसभा में लाने की तैयारी कर रही है.