जम्मू-कश्मीर : गांदरबल में बादल फटने से मची तबाही, बारिश ने तोड़ा 32 साल का रिकॉर्ड

296

जम्मू शहर में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश का सिलसिला जारी है। 32 साल बाद शहर में बारिश का रौद्र रूप देखने को मिला है। शहर में 1989 के बाद जुलाई महीने में अब तक की सबसे अधिक 150.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है। ये सिलसिला ऐसे ही जारी रहा तो सात जुलाई 1986 में हुई 172.6 मिमी बारिश का रिकॉर्ड टूट सकता है। उधर, कश्मीर घाटी के गांदरबल में बादल फटने से कई घरों में पानी घुस गया है। राहत एवं बचाव का कार्य जारी है।

जम्मू = 150.6 मिमी(सुबह 7:30 बजे तक)
श्रीनगर = 8.2 मिमी
काजीगुंड = 5.2 मिमी
पहलगाम = 23.0 मिमी
कुपवाड़ा = 9.7 मिमी
कोकरनाग = 7.4 मिमी
गुलमर्ग = 13.6 मिमी
पंपोर = 28.0 मिमी
श्रीनगर हवाई अड्डा = 4.2 मिमी
अवंतीपोरा = 7.8 मिमी
अनंतनाग = 5.0 मिमी
खुदवानी = 8.0 मिमी (सुबह 6:30 बजे तक)
बांदीपोरा = 4.0 मिमी
बडगाम = 7.0 मिमी (सुबह 7:30 बजे तक)
शोपियां = 12.0 मिमी (सुबह 6:30 बजे तक)
कुलगाम = 9.0 मिमी (सुबह 6:30 बजे तक)
आरएस पुरा = 55.0 मिमी
बनिहाल = 6.4 मिमी
बटोट = 25.4 मिमी
कटड़ा = 76.6 मिमी
भद्रवाह = 10.4 मिमी
कठुआ = 24.8 मिमी
जम्मू हवाई अड्डा = 123.0मिमी
उधमपुर = 27.4 मिमी
रामबन = 15.0 मिमी (सुबह 6:30 बजे तक)
पुंछ = 87.0 मिमी (सुबह 6:30 बजे तक)
किश्तवाड़ = 2.0 मिमी
सांबा = 119.0 मिमी

उधर, रामबन के मगरकोट में पस्सियां गिरने के चलते जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद है। उधमपुर के विभिन्न हिस्सों में घाटी जाने वाले वाहनों की कतारें लगी हैं। मलबा हटाने का काम जारी है, लेकिन भारी बारिश के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि शुक्रवार रात को मगरकोट में पस्सियां गिरने पर राजमार्ग बंद हो गया था।

इसके बाद रामबन के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। उधमपुर में भी घाटी की ओर जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। शनिवार दोपहर को वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रामबन में फंसे हजारों वाहनों को निकालकर फिर से राजमार्ग को स्थायी तौर पर खोलने का काम शुरू कर दिया गया था। जिस स्थान पर पस्सियां गिरी हैं, वहीं पर टनल का भी निर्माण जारी है। इसलिए राजमार्ग को खोलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।