यूपी के 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान कल, गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर

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उत्तर प्रदेश में छठे चरण के मतदान के लिए कल यानी कि गुरुवार तीन मार्च को मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इस चरण में सीएम योगी आदित्यनाथ की सीट और गोरखपुर जिले में भी मतदान होना है. इसके अलावा बीजेपी से समाजवादी पार्टी में आए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट फाजिलनगर सीट पर भी मतदान होगा.

उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा के चुनाव जारी हैं और पांच चरणों के चुनाव हो चुके हैं और दो चरणों के चुनाव बाकी रह गए हैं. अब तक प्रदेश की 57 जिलों की 292 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो चुके हैं. शेष चरणों के लिए अब तीन और सात मार्च को मतदान होना है जबकि मतगणना 10 मार्च को होगी. पांचवें चरण में कल बुधवार को वोटिंग होनी है, छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान होगा. इस बार गोरखपुर क्षेत्र में भी वोटिंग है जहां पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं की किस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी. आइए जानते हैं छटवें और निर्णायक चरण में किन दिग्‍गजों की प्रतिष्‍ठा दांव पर लगी है.

यूपी के रण में सबसे हॉल सीट मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की गोरखपुर सदर सीट है. 3 मार्च को यानी कि कल गुरुवार को छठवें चरण में इस सीट पर मतदान होगा. छठे चरण में गोरखपुर सदर सीट से सीएम योगी की प्रतिष्‍ठा दांव पर लगी है. सीएम योगी अब तक गोरखपुर से सांसद रहे हैं. गोरखपुर योगी की कर्मभूमि, राजनीतिक भूमि रही है. साल 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार में सीएम बनने के बाद पहली बार योगी आदित्‍यनाथ गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अबतक योगी गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़े और जीते.सीएम योगी को उनके गढ़ में समाजवादी पार्टी से सुभावती शुक्ला चुनौती दे रही हैं. कांग्रेस से चेतना पांडे और बीएसपी से ख्वाजा शमसुद्दीन चुनाव मैदान में हैं.

देवरिया सदर सीट से योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी माने जाने वाले शलभ मणि त्रिपाठी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी शलभ मणि की साख दांव पर लगी है. इनकी टक्कर सपा के अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू से है. पिंटू बीजेपी विधायक स्वर्गीय जनमेजय सिंह के बेटे हैं. शलभ मणि पत्रकार थे. उन्होंने करीब आठ साल पहले पत्रकारिता छोड़कर राजनीति में एंट्री ली थी और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. बीजेपी ने इन्हें प्रवक्ता बनाया और धीरे-धीरे शलभ मणि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीब होते गए. जिसका इन्हें इनाम मिला और ये मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार बन गए. यहां से बसपा से रामशरण सिंह और कांग्रेस से पुरुषोत्तम नारायण सिंह चुनाव लड़ रहे हैं.

देवरिया जिले की पथरदेवा सीट भी हॉट सीट में है. यहां से बीजेपी के मौजूदा विधायक व कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही चुनाव मैदान में हैं. यहां से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व मंत्री रहे ब्रम्हाशंकर त्रिपाठी सूर्य प्रताप शाही को टक्‍कर दे रहे हैं . कुशीनगर जिले की तत्कालीन सीट कसया से ये दोनों दिग्गज सात बार आमने-सामने लड़ चुके हैं, जिसमें ब्रम्हा चार बार जीते तो तीन बार शाही की जीत हुई है. इसके अलावा यहां से बीएसपी के परवेज आलम चुनाव लड़ रहे हैं. परवेज समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक स्वर्गीय शाकिर अली के बेटे हैं. एसपी ने परवेज को टिकट न देकर कुशीनगर की सीट पर लड़ते चले आ रहे ब्रम्हाशंकर पर भरोसा जताया और शाही के सामने चुनाव मैदान में उतार दिया. देवरिया सीट पर कांग्रेस से अम्बर जहां चुनाव लड़ रही हैं.