उत्तराखंड : सल्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए तेज हुई सियासत, बीजेपी ने बनाया रोड मैप, कांग्रेस कन्फ्यूज

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उत्तराखंड में इन दिनों सल्ट विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. नॉमिनेशन में अब सिर्फ तीन दिन ही शेष हैं. लेकिन, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. दोनों ही पार्टियों का कहना है कि वे किसी भी समय अपने प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं. ये अलग बात है कि बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंकनी शुरू कर दी है. सल्ट में मतदान की तारीख 17 अप्रैल तक बीजेपी ने अपने सभी कार्यक्रम रोक दिए हैं. बीजेपी की चिंतन मीटिंग से लेकर प्रदेश कार्यसमिति की मीटिंग भी स्थगित कर दी गई है. बीजेपी का कहना है कि वो फिल्हाल सिर्फ सल्ट पर फोकस रहना चाहती है.

इससे सल्ट उपचुनाव का महत्व समझा जा सकता है. सल्ट विधानसभा का चुनाव भले ही उपचुनाव हो, लेकिन 56 विधायकों के भारी भरकम बहुमत वाली बीजेपी इसे हल्के में नहीं लेना चाहती. पार्टी रणनीतिकारों ने घंटों चले मंथन के बाद सल्ट की चुनाव की कमान अब छह सदस्यीय कमेटी के हाथों में दे दी है. इससे पहले पार्टी ने सल्ट चुनाव के लिए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, धन सिंह रावत, पार्टी महामंत्री सुरेश भट्ट की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी. अब इस कमेटी में तीन और नाम, जिनमें सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा और पूर्व विधायक कैलाश शर्मा को शामिल कर दिया गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि पार्टी सल्ट उपचुनाव में कोई चूक नहीं छोड़ना चाहती. हम इसको भारी बहुमत से जीतेंगे.

बीजेपी ने इसके लिए नॉमिनेशन को भब्य बनाने की तैयारी की है. एक तरह बीजेपी की ओर से नॉमिनेशन सल्ट के चुनावी रण का आगाज होगा. इस दिन सभी मंत्रियों, सल्ट विधानसभा से लगे आसपास के विधायकों के साथ ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और पदाधिकारी भी सल्ट पहुंच रहे हैं. बीजेपी प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार का कहना है कि वो 30 मार्च को सल्ट में भब्य तरीके से पार्टी प्रत्याशी का नॉमिनेशन करेंगे.

इधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. बीजेपी भले ही कैंडिडेट घोषित न कर पाई हो, लेकिन उसका स्टैंड करीब-करीब क्लियर है. बीजेपी यहां दिवंगत विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को ही टिकट दे, इसकी ज्यादा संभावनाएं हैं. महेश जीना अंदरखाने अपनी पूरी तैयारियां कर चुके हैं.  लेकिन, कांग्रेस के भीतर अभी भी एक राय नहीं बन पाई है कि उसका कैंडिडेट कौन होगा.

पार्टी पहले पूर्व विधायक रणजीत रावत को सल्ट से कैंडिडेट बनाना चाहती थी, लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि रणजीत रावत ने  चुनाव लड़ने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है. बहरहाल, अब कांग्रेस के पास पार्टी के भीतर दो विकल्प हैं. या तो वो रणजीत रावत के बेटे को सल्ट से चुनाव लड़ाए या फिर 2017 में रनर अप रही गंगा पंचोली को टिकट दे. लेकिन, ये तय है कि 30 मार्च को नॉमिनेशन की अंतिम डेट है. कांग्रेस भी इसी दिन अपने कैंडिडेट का नामांकन पत्र फाइल करेगी. यानि की तीस मार्च वो दिन होगा, जब सल्ट का सियासी पारा अपने चरम पर होगा.