अन्ना हजारे के किसान आंदोलन में शामिल होने पर नितिन गडकरी का बयान – सरकार ने नहीं किया है गलत

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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों से एक बार फिर से सरकार के साथ बातचीत करने की अपील की है. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा है कि ये किसानों का मुद्दा है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसी भी तरह से किसानों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी. गडकरी ने कहा कि सार्थक संवाद के बाद सरकार किसानों के अच्छे सुझावों को नए कृषि कानून में समायोजित करने को तैयार है.

धरने में शामिल नहीं होंगे अन्ना

महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के किसानों के आंदोलन में शामिल होने की खबरों के बीच नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अन्ना हजारे इस आंदोलन में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने किसानों के खिलाफ कुछ भी नहीं किया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये किसानों का अधिकार है कि वे अपने उपज को मंडी में बेचें, या व्यापारी को बेचें या फिर किसी और को. उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ये गलत है. किसानों को इन तीनों कानूनों को समझना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है. अगर किसान नए कानून को लेकर कुछ सुझाव देते हैं तो उनकी सरकार इन सुझावों को मानने के लिए तैयार है. गडकरी ने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में है किसानों के साथ कोई नाइंसाफी नहीं होगी.

हर अच्छे सुझाव का स्वागत

नितिन गडकरी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर संवाद नहीं होता है तो इससे भ्रम पैदा हो सकता है, फिर इससे विवाद जन्म लेता है, और अगर संवाद होता है तो समाधान निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय मिलेगा. हमलोग किसानों के हित में काम कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी सरकार कृषि कानून पर सभी अच्छे सुझावों को स्वीकार करने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार किसानों से बात करेगी और समाधान निकालेगी.

नितिन गडकरी ने कहा कि वे विदर्भ से आते हैं. यहां 10 हजार से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी की है. इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने किसानों से कहा कि किसानों, किसान संगठनों से मिले वैसे सुझाव जो सही हैं, कृषि कानून में उपर बदलाव के लिए सरकार तैयार है.

इथेनॉल की इकोनॉमी से किसानों को मिलेंगे 1 लाख करोड़

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज भारत 8 लाख करोड़ के कच्चे तेल का आयात करता है, इसके बजाय हमलोग 2 लाख करोड़ की इथेनॉल इकोनॉमी बनाना चाहते हैं ये अभी मात्र 20 हजार करोड़ का है अगर ये 2 लाख करोड़ का बिजनेस हो जाता है तो 1 लाख करोड़ किसानों के पॉकेज में जाएगा. बता दें कि इथेनॉल का इस्तेमाल कच्चे तेल में मिलाने के लिए होता है.