पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बुधवार को भारत के लोकतंत्र की आलोचना की. अंसारी के बयान पर के बाद केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का जवाब भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को कोसने का पागलपन भारत को कोसने की साजिश में बदल रहा है. नकवी ने कहा, अगर कोई मोदी को कोसते हुए भारत में आता है, तो आप ऐसी आवाजों की उम्मीद कर सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘जो लोग अल्पसंख्यक वोटों का फायदा उठाते थे, वे अब देश में मौजूदा सकारात्मक माहौल को लेकर चिंतित हैं.
दरअसल भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद द्वारा आयोजित वर्चुअल पैनल चर्चा में भाग लेते हुए, अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद बढ़ने को लेकर चिंता व्यक्त की थी.उन्होंने कहा था हाल के सालों में, हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत पर विवाद करते हैं.उन्होंने आगे दावा किया, ‘यह एक धार्मिक बहुमत और एकाधिकार वाली राजनीतिक शक्ति की आड़ में चुनावी बहुमत पेश करना चाहता है. यह नागरिकों को उनके विश्वास के आधार पर अलग करना चाहता है, असहिष्णुता को हवा देना चाहता है, अन्यता का संकेत देना और बेचैनी और असुरक्षा को बढ़ावा देना चाहता है.
वहीं पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और अमेरिका के चार सांसदों ने भारत में मानवाधिकारों की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई है. अमेरिकी सीनेटर एड मार्के ने कहा, ‘एक ऐसा माहौल बना है, जहां भेदभाव और हिंसा जड़ अपनी मजबूत पकड़ बना सकती है. हाल के वर्षों में हमने ऑनलाइन नफरत भरे भाषणों और नफरती कृत्यों में वृद्धि देखी है. इनमें मस्जिदों में तोड़फोड़, गिरजाघरों को जलाना और सांप्रदायिक हिंसा भी शामिल है.’