UN: ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए सभी देश करें जलवायु आपातकाल की घोषणा

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UNITED NATION
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ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शनिवार को सभी वैश्विक नेताओं को अपने-अपने देशों में जलवायु आपातकाल घोषित करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा, तेजी से बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए यही सबसे सही तरीका है।

पेरिस समझौते की पांचवीं वर्षगांठ के मौके पर गुटेरेस ने कहा, हम एक नाटकीय आपातलकाल में जी रहे है। क्या कोई ऐसा है जो इस बात से इनकार कर सके? हमें इस खतरे की घंटी से सचेत होने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन की भयानक स्थिति और ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि हम अपने-अपने देशों में तब तक जलवायु आपातकाल का एलान करें जब तक कार्बन उत्सर्जन को कम न कर दें।

एक दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन में 70 से अधिक वैश्विक नेता गुटेरेस को सुन रहे थे। गुटेरेस ने कहा, कोरोना महामारी के मद्देनजर कई देशों में आर्थिक सुधार के लिए पेश किए गए पैकेज से भविष्य में कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाने की दिशा में आगे बढ़ने का मौका मिला है। लेकिन साथ ही चेताया कि यह पर्याप्त तेजी से नहीं हो रहा है। इसलिए इस पर गंभीर होने की जरूरत है।

गुटेरेस ने कहा, अब तक जी20 के सदस्य देशों ने जीवाश्म ईंधन उत्पादन और खपत से जुड़े क्षेत्रों में अपने राहत पैकेज का 50 फीसदी खर्च किया है। यह कतई स्वीकार्य नहीं है। कोरोना से जंग में हम जो खरबों रुपये खर्च कर रहे हैं वह असल में अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए रखी रकम से साझा कर रहे हैं। हम इन संसाधनों का इस्तेमाल ऐसी नीतियों को बनाने में नहीं कर सकते जिनका भार आने वाली पीढ़ी पर पड़े। हमें आने वाली पीढ़ी को रहने के लिए एक सुरक्षित  ग्रह देना होगा।

शिखर सम्मेलन के सह-मेजबान ब्रिटेन ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह विदेशी जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष सरकारी समर्थन को समाप्त करने का संकल्प करेगा। इसका उद्देश्य अन्य देशों को स्वच्छ ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ने के लिए इस तरह के बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सभी देशों को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता खत्म करने के लिए साथ काम करने का सुझाव दिया था।