Tokyo Olympics 2020: 24 घंटे के अंदर ही बदल गया भारतीय हॉकी का इतिहास-ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में बनाई जगह

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गुरजीत कौर के गोल और गोलकीपर सविता की अगुवाई में रक्षापंक्ति के बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय महिला हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक खेलों के क्वॉर्टरफाइनल में सोमवार को यहां ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश करके नया इतिहास रचा।

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के 49 वर्ष बाद सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद विश्व में नौवें नंबर की महिला टीम ने यह इतिहास रचा। सेमीफाइनल में उसका सामना बुधवार को अर्जेंटीना से होगा जिसने एक अन्य क्वॉर्टरफाइनल में जर्मनी को 3-0 से हराया। गुरजीत ने 22वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर महत्वपूर्ण गोल किया। इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी जिसमें वह सफल भी रही।

गोलकीपर सविता ने बेहतरीन खेल दिखाया और बाकी रक्षकों ने उनका अच्छा साथ दिया। आखिरी दो क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार हमले किये लेकिन भारतीयों ने उन्हें अच्छी तरह से नाकाम किया। भारतीय टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इससे पहले मास्को ओलंपिक 1980 में था जबकि टीम चौथे स्थान पर रही थी लेकिन तब केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे।

रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम की यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि क्योंकि पूल चरण में उसे शुरू में संघर्ष करना पड़ा। भारतीय टीम अपने पूल में दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड को हराकर चौथे स्थान पर रही थी जबकि ऑस्ट्रेलिया अपने पूल में शीर्ष पर रहा था।

विश्व में दूसरे नंबर के ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती मिनटों में भारतीय रक्षकों को व्यस्त रखा। भाग्य भारत के साथ था जो दूसरे मिनट में स्टीफेनी केरशॉ के क्रास पर एंब्रोसिया मालोनी का शॉट पोस्ट से टकराने के कारण ऑस्ट्रेलिया बढ़त हासिल नहीं कर पाया। भारतीय खिलाड़ी हालांकि अधिक आत्मविश्वास में दिखी। भारत नौवें मिनट में गोल करने के करीब भी पहुंच गया था।

लालरेमसियामी और वंदना कटारिया के प्रयासों से भारत ने ऑस्ट्रेलियाई रक्षापंक्ति में सेंध लगायी लेकिन रानी रामपाल का शॉट पोस्ट से टकरा गया। भारत ने पहले क्वार्टर में गेंद पर अच्छा नियंत्रण बनाया और दूसरे क्वार्टर में भी अपने खेल में निंरतरता बनाये रखी। ऑस्ट्रेलिया को 19वें मिनट में मैच का पहला पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन भारतीयों ने बेहतरीन रक्षण से यह खतरा टाल दिया। इसके बाद मोनिका के ऑस्ट्रेलियाई सर्कल में बेहतरीन प्रयास से भारत ने पेनल्टी कार्नर हासिल किया और गुरजीत ने उसे गोल में बदलकर 22वें मिनट में टीम को बढ़त दिला दी।

गोल के बायें छोर पर गये उनके शॉट का ऑस्ट्रेलियाई रक्षकों के पास कोई जवाब नहीं था। भारत के पास 26वें मिनट में बढ़त दोगुनी करने का मौका था जब सलीमा टेटे बीच मैदान से गेंद लेकर आगे बढ़ी लेकिन उनका शॉट निशाने पर नहीं लगा। इस तरह से रानी रामपाल की अगुवाई वाली टीम मध्यांतर तक 1-0 से आगे थी। ऑस्ट्रेलिया गोल करने के लिये बेताब था और उसने तीसरे क्वार्टर के शुरू में स्टीवर्ट ग्रेस के प्रयासों से मौका भी बनाया लेकिन भारतीय गोलकीपर सविता ने मारिया विलियम्स के शॉट को रोककर यह हमला नाकाम कर दिया।

ऑस्ट्रेलिया ने इसके बाद दो पेनल्टी कार्नर हासिल किये लेकिन सविता की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति अद्भुत और अदम्य साहस दिखाकर खतरे टालती रही। इस क्वार्टर में भारत की मध्यपंक्ति और रक्षापंक्ति का खेल दर्शनीय रहा। सुशील चानू, दीप ग्रेस एक्का, सलीमा टेटे, मोनिका सभी ने बेहतरीन खेल दिखाया। इस क्वार्टर में भारत के पास गोल करने का सबसे अच्छा मौका 44वें मिनट में था जब शर्मिला देवी ने दायें छोर से गेंद रानी को थमायी लेकिन वह फिर से निशाने पर शॉट जमाने से चूक गयी।

ये बदलते भारत की बेटियां हैं, जो कभी हार नहीं मानती। ये सभी पटलवार करने में माहिर हैं। इन बेटियों का ही कमाल है कि तीन मैच हारने के बाद भी सेमीफाइनल में जगह पक्की करने में सफल रही है। टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाॅकी टीम के शानदार प्रदर्शन से झारखंड की पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी अभिभूत हैं। टीम में शामिल झारखंड की निक्की प्रधान व सलीमा टेटे के शानदार प्रदर्शन पर भी उन्होंने हर्ष व्यक्त किया है।

इनका मानना है कि इस बार अगर टीम फाइनल में पहुंच जाए तो बड़ी बात नहीं। बिहार-झारखंड से भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला खिलाड़ी सावित्री पूर्ति ने इस प्रदर्शन को शानदार बताया। उन्होंने कहा कि टीम जब टोक्यो गई थी, तब यह समझा जा रहा था कि क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई तो बड़ी बात होगी। लेकिन बेटियों ने इतना शानदार प्रदर्शन कर सबका सि‍र गर्व से ऊंचा कर दिया। झारखंड के लिए यह और भी गर्व की बात है कि यहां की दो बेटियों निक्की व सलीमा ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

भारतीय महिला हाॅकी टीम की पूर्व कप्तान असुंता लकड़ा ने कहा कि टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा। जो लोग टीम को पदक के दावेदारों में शामिल नहीं कर रहे थे, वे आस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम का प्रदर्शन देखकर कह रहे हैं कि भारतीय टीम इस बार कई उलटफेर कर सकती है। सलीमा व निक्की को मैं बधाई देती हूं। दोनों उस टीम में शामिल हैं, जो इतिहास बना रही है। पूर्व कप्तान सुमराय टेटे ने भी टीम के प्रदर्शन को शानदार बताया।

उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ जीत हासिल करना कोई छोटी बात नहीं है। क्वार्टर फाइनल मैच से पहले आस्ट्रेलिया को जीत का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन मैच में भारतीय लड़कियों ने आक्रमण के साथ-साथ शानदार डिफेंस का भी प्रदर्शन किया। निक्की ने हाफ में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को चेक कर रखा, जबकि सलीमा ने आगे बढ़कर आक्रमण की सूत्रधार बनी। दोनों को बधाई। पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एडलिन केरकेट्टा ने भी टीम के प्रदर्शन पर खुशी जताई है।