कोरोना से मिलने लगी ‘राहत’ तो ब्लैक फंगस ने बढ़ाई मुसीबत! केंद्र ने किया अलर्ट, इन राज्यों में महामारी घोषित

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    देश में जारी कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस ने मुसीबत बढ़ा दी है. देश के कई राज्यों से कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है लेकिन इन सबके बीच ‘ब्लैक फंगस’ ने टेंशन बढ़ा दी है. महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस से 90 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, हरियाणा और दिल्ली में भी लोगों की जान गई है. इन सबके बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के बाद कई राज्यों ने ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानी म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) को महामारी घोषित कर दिया गया है. गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, असम, पंजाब ने ब्लैक फंगस (Black Fungus) को महामारी रोग अधिनियम (Epidemic Diseases Act 1897) के तहत अधिसूचित किया है. वहीं, हरियाणा और राजस्थान पहले ही ब्लैक फंगस को महामारी के तहत अधिसूचित कर चुका है.

    इससे पहले आज ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकरमाइकोसिस) को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाकर सभी मामलों की सूचना देने को कहा था. मंत्रालय ने एक पत्र में कहा था कि हालिया समय में कई राज्यों से कोविड रोगियों में फंगस संक्रमण “म्यूकरमाइकोसिस” के रूप में एक नयी चुनौती सामने आई है. यह बीमारी खासकर ऐसे कोविड रोगियों में देखने को मिल रही है, जिन्हें स्टेरॉइड पद्धति उपचार मिला है और जिनका शर्करा स्तर अनियंत्रित है.

    स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा, ‘फंगस संक्रमण का परिणाम कोविड रोगियों में दीर्घकालिक रुग्णता और मौतों की संख्या में वृद्धि के रूप में सामने आ रहा है.’ उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के उपचार के लिए विभिन्न नजरियों पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है जिसमें आंखों के सर्जन, कान-नाक-गला विशेषज्ञों, सामान्य सर्जन और अन्य का दृष्टिकोण शामिल हो तथा कवक रोधी दवा के रूप में एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

    पत्र में कहा गया, ‘आपसे आग्रह है कि म्यूकरमाइकोसिस को महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत अधिसूच्य बीमारी बनाएं, जिसमें सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठान, मेडिकल कॉलेज म्यूकरमाइकोसिस संबंधी निगरानी, निदान, प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे.’

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पत्र में यह भी कहा है, ‘और, सभी प्रतिष्ठानों के लिए यह आवश्यक बनाया जाए कि वे सभी संदिग्ध तथा पुष्ट मामलों की सूचना जिला स्तर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को और फिर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) निगरानी प्रणाली को दें.’

    क्या है ब्लैक फंगस
    इसका वैज्ञानिक नाम है म्यूकोरमाइकोसिस. ICMR के मुताबिक, ये एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है. शरीर में ये बहुत तेजी से फैलता है. इससे आंखों की रोशनी जाती है. कई मामलों में मौतें भी हो रही हैं.

    किन्हें ज्यादा खतरा
    ICMR के मुताबिक, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में ये संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना से ठीक हुए मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. इसके अलावा, जिन मरीजों को डायबिटीज है, उनमें शुगर लेवल अगर बढ़ जाए, तो ये इंफेक्शन जानलेवा हो जाता है.

    ब्लैक फंगस के लक्षण
    – बुखार या तेज सिरदर्द
    – खांसी
    – खूनी उल्टी
    – नाक से खून आना या काले रंग का स्त्राव
    – आंखों या नाक के आसपास दर्द
    – आंखों या नाक के आसपास लाल निशान या चकत्ते
    – आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना
    – गाल की हड्डी में दर्द, एक तरफा चेहरे का दर्द, चेहरे पर एक तरफ सूजन
    – दांतों में ढीलापन महसूस होना, मसूढ़ों में तेज दर्द
    – छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ होना

    ब्लैक फंगस से बचाव-
    फौरन डॉक्टर से संपर्क करें. इसे एंटीफंगल दवाओं से ठीक किया जा सकता है. इन लक्षणों के दिखने पर अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन बिल्कुल शुरू न करें