ब्र‍िटिश ‘क्राउन’ में जड़ा दुन‍िया का सबसे बड़ा हीरा, साउथ अफ्रीका कर रहा वापसी की ड‍िमांड..

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महाराजा चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में दक्षिण अफ्रीका (South Africans) से केवल ओपरा गायिका प्रेटी येंडे और विदेश मंत्री नालेदी पांदोर ही उपस्थित नहीं थे, बल्कि वहां अब तक के पाए गए सबसे बड़े रत्न- उच्च गुणवत्ता वाले कलिनन हीरे (Cullinan diamond) के टुकड़े भी थे.कलिनन का नाम उस खनन कंपनी के अध्यक्ष थॉमस कलिनन के नाम पर रखा गया था, जिसने इसे दक्षिण अफ्रीका (South Africans) में खोजा था. इसे 1905 में खनन करके निकाला गया था और 1907 में महाराजा एडवर्ड सप्तम के सामने प्रस्तुति के लिए ट्रांसवाल कॉलोनी की सरकार द्वारा खरीदा गया था. इसे 9 पत्थरों और अन्य 97 टुकड़ों में काटा गया था.

राजदंड के शीर्ष पर स्थापित किया गया

इनमें से सबसे बड़ा टुकड़ा कलिनन 1 ‘स्टार ऑफ अफ्रीका’ के रूप में जाना जाता है. इसे राज्याभिषेक समारोह (King Charles III coronation) के दौरान चार्ल्स को प्रदान किए गए राजदंड के शीर्ष पर स्थापित किया गया था. कलिनन-2 उनके द्वारा पहने गए ताज के आगे लगा था. अन्य पत्थर भी ब्रिटेन के शाही परिवार (British monarchy) के पास हैं या ‘टॉवर ऑफ लंदन’ में प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं.राज्याभिषेक के बाद इन पत्थरों की दक्षिण अफ्रीका वापसी के लिए नए सिरे से मांग उठने लगी है. इस पूर्व उपनिवेश के लोग औपनिवेशिक ताकतों द्वारा अपने देशों से ली गईं सांस्कृतिक कलाकृतियों की वापसी के लिए मांग कर रहे हैं. कलिनन हीरों की वापसी का औचित्य क्या है? क्या जटिलताएं हैं? और वापसी की कितनी संभावना है?

विटवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय के समाज विज्ञान के प्रोफेसर रोजर साउथॉल का कहना है क‍ि राज्याभिषेक समारोह से पहले से हीरों को दक्षिण अफ्रीका लौटाने की मांग उठ रही थी. देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी ‘इकनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स’ की अगुआई में इस तरह की मांग की जा रही है. अफ्रीकन ट्रांसफॉर्मेशन मूवमेंट के संसद सदस्य वुयोल्वेथु जुंगुला ने भी इस तरह की मांग की है.

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