नीतीश के तंज पर तेजस्‍वी का पलटवार, बोलें- मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं नितीश कुमार

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बिहार चुनाव में नेताओं के तूफानी दौरे जारी हैं। इस बीच आरोप-प्रत्‍यारोप भी चरम पर चल रहा है। कल मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी जनसभाओं में तेजस्‍वी यादव पर तंज किया था कि वह सरकार बनते ही 10 लाख लोगों को नौकरी देने की बात करते हैं। इन नौकरियों के लिए पैसा कहां से आएगा। बुधवार को तेजस्‍वी ने इसका जवाब दिया। तेजस्‍वी ने नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा कि 15 साल शासन करने के बाद वह यह सवाल पूछ रहे हैं। वह मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं।

तेजस्‍वी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा-‘नी​तीश कुमार जी मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं। नीतीश कुमार 15 साल शासन करने के बाद कह रहे हैं कि नौकरी देने का पैसा कहां से आएगा? उनको बताना चाहिए कि जो 60 घोटाले इन लोगों ने किए हैं वो लगभग 30,000 करोड़ बिहार के बजट का पैसा है, वो कहां गया।’

मंगलवार को हुई जनसभाओं में मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा था कि कुछ लोग 10 लाख नौकरी देने का दावा कर रहे हैं। लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि इसके लिए आखिर पैसा कहां से आएगा। जिसके लिए जेल गएं, उसी पैसे को निकालकर नौकरी देंगे क्या? सीएम नीतीश ने मंगलवार को गोपालगंज जिले के गांधी स्मारक उच्च विद्यालय भोरे में एनडीए प्रत्याशी सुनील कुमार और कुचायकोट के अमरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहीं।

नीतीश ने लालू-राबड़ी के शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पति-पत्नी के 15 वर्षों के शासनकाल में शाम होते ही घरों से बाहर निकलने की लोगों की हिम्मत नहीं होती थी। उनके शासन में बिहार में कई सामूहिक नरसंहार हुए, लेकिन हमलोगों ने अपने शासनकाल में कानून का राज स्थापित किया है। वर्ष 2018 के भारत सरकार के आंकड़े के अनुसार ही पहले जहां कानून- व्यवस्था के मामले में बिहार निचले पायदान पर था, वहीं अब पूरे देश में 23वें स्थान पर आ गया है। बिहार का विकास दर भी पूरे देश में सबसे अधिक 12.7 प्रतिशत प्रति वर्ष हो गया है।

सीएम नीतीश ने अपने 15 वर्षों के शासनकाल की उपलब्धियों के बारे में कहा कि पति-पत्नी के शासनकाल में महिलाओं को कोई इज्जत नहीं मिलती थी। हमने पंचायतों और नगर निकायों में उनके लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। पहले महादलितों के बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल नहीं जा पाते थे। आज आउट ऑफ स्कूल बच्चों की संख्या आधा प्रतिशत ही रह गई है। आज लड़के और लड़कियों की संख्या विद्यालयों में करीब-करीब बराबर हो गई है। अस्पतालों में भी काफी सुधार हुआ है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहले मात्र 39 लोग सरकारी अस्पतालों में प्रतिमाह इलाज कराने जाते थे। आज औसतन 10000 लोग एक माह में इलाज कराने जाते हैं।

नीतीश ने आगे कहा कि हर जिले में इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, महिला आईटीआई और एएनएम संस्थान खोले जा रहे हैं। उच्च शिक्षा के लिए गरीब लोगों के बच्चों को चार लाख रुपए तक का क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। बच्चों को कुशल बनाने के लिए आज कुशल युवा कार्यक्रम के तहत संवाद कौशल,व्यवहार कौशल आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। पहले पुलिस बल में महिलाओं की नियुक्ति नहीं होती थी। आज प्रतिशत महिलाएं पुलिस में काम कर रही हैं। बिजली के मामले में भी काफी सुधार हुआ है। पहले जहां 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी, वहीं आज 6000 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। हर घर नल का जल 2 माह में पूरा हो जाएगा। घर-घर शौचालय काम पूरा कर लिया गया है। पक्की गली नली योजना का निर्माण चल रहा है।