संधू: भारत और अमेरिका की साझेदारी को ‘अगले स्तर’ पर ले जाने में अहम साबित हो सकते हैं पांच सिद्धांत

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भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू वार्ता के तीसरे दौर से पहले भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने दोनों देशों के बीच साझेदारी को ‘अगले स्तर’ पर ले जाने के लिए पांच सिद्धांतों का उल्लेख किया। टू प्लस टू वार्ता 26-27 अक्तूबर को नई दिल्ली में होने की उम्मीद है।

इसमें दोनों पक्ष आपसी रणनीतिक सहयोग की व्यापक समीक्षा कर सकते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर वार्ता के लिए भारत आएंगे। संधू ने शुक्रवार को थिंक टैंक ‘द हेरिटेज फाउंडेशन’ में कहा कि हर प्रशासन में, दुनिया के सबसे बड़े दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंची है। हमारे रिश्तों में अपार संभावनाओं को देखते हुए मानना है कि सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है।

इसे हासिल करने के लिए वह पांच सिद्धांतों को रेखांकित करना चाहते हैं और ये सिद्धांत भारत और अमेरिका की साझेदारी को अगले चरण पर ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये पांच सिद्धांत हैं, आगे देखो, व्यापकता और गहराई से देखो, एक दूसरे को मजबूत करो, मिलकर खोजो और मिलकर आकार दो। 

उन्होंने कहा कि सबसे पहला सिद्धांत है, आगे देखो। हालांकि अल्पकालिक फायदे से खुशी और राहत मिल सकती है, लेकिन हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि हम दीर्घकाल में क्या चाहते हैं। उन्होंने दूसरे सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों को बड़ी तस्वीर देखने की आवश्यकता है। हम चीजों को अलग-अलग कर देखने की गलती नहीं कर सकते, भले ही ये कितनी भी लुभावनी क्यों न हों।

उन्होंने कहा कि तीसरा बिंदु यह है कि साझेदारी एक-दूसरे को मजबूत करने से मजबूत होती है। भारत का विकास केवल उसी के हित में नहीं है, बल्कि एक सुरक्षित एवं समृद्ध भारत क्षेत्र और दुनिया के हित में है। भारतीय राजदूत ने कहा कि चौथा सिद्धांत है, मिलकर खोजना। उन्होंने कहा कि साझेदारी के उन पहलुओं को मिलकर खोजना चाहिए, जिनका अभी तक पता नहीं चला है।

उन्होंने कहा कि आखिरी सिद्धांत है कि हमें मिलकर उस दुनिया को आकार देना है, जहां हम रहते हैं। गांधी जी ने बहुत समय पहले कहा था, आप दुनिया में जो बदलाव करना चाहते है, उन्हें पहले अपने भीतर करें। हमें इसी के अनुरूप बदलाव करना होगा। हम इस समय जिन असाधारण वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ऐसे में भरोसा और मित्रता अहम हैं।