मोदी सरकार की महत्वकांक्षी चार धाम परियोजना को सुप्रीम कोर्ट ने किया मंज़ूर, जल्द शुरू होगा काम

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चारधाम परियोजना का उद्देश्य सभी मौसम में पहाड़ी राज्य के चार पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ को जोड़ना है. इस परियोजना के पूरे हो जाने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा की जा सकेगी.

इस परियोजना के तहत 900 किलोमीटर लम्बी सड़क परियोजना का निर्माण हो रहा है जिसमें से अभी तक 400 किमी सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है.  एक अनुमान के मुताबिक, अभी तक 25 हजार पेड़ों की कटाई हो चुकी है, जिससे पर्यावरणविद नाराज हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से  कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, हिमालय के पर्यावरण की स्थिति खतरे में है.अभी तक आधी परियोजना पूरी हुई है हादसा दुनिया ने देखा है, अब आपको पूरा करना है तो जरूर करें लेकिन बर्बादी के लिए तैयार रहें.नुकसान कम करने के उपाय करने की बजाय उसे बढ़ाया जा रहा है.सड़कों को चौड़ा करने के उपाय तकनीकी और पर्यावरण उपायों के साथ होने चाहिए.डिजाइन, ढलान, हरियाली, जंगल कटान, विस्फोट से पहाड़ काटने आदि को ध्यान में रखते हुए संबद्ध विशेषज्ञों की राय से करना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हए मामला सुरक्षित रखा कि “अदालत न्यायिक समीक्षा में सेना के सुरक्षा संसाधनों को तय नहीं कर सकती. कोर्ट ने कहा कि हाइवे के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने में रक्षा मंत्रालय की कोई दुर्भावना नहीं है.”