शिवसेना ने महाराष्ट्र के बाहर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत कर दी है. आज (शनिवार, 5 फरवरी) लखनऊ में किसान रक्षा पार्टी के साथ आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना सांसद संजय राउत ने यह साफ किया कि शिवसेना आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से बाहर 100 उम्मीदवार खड़े करेगी. इनमें से 50 से अधिक उम्मीदवार उत्तर प्रदेश से खड़े किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देने की शुरुआत हो चुकी है. शिवसेना ने हाल ही में दादरा और नागर हवेली के लोकसभा उपचुनाव की सीट पर जीत हासिल की है. यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश में कल हुए एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी पर हमले को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी.
उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव और ओवैसी पर हुए हमले पर कहा कि, ‘कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कानून का राज है. लेकिन एआईएमआईएम के नेता यहां आते हैं और उन पर पांच राउंड गोलियां चल जाती हैं.सारी गोलियां टायरों पर लगती हैं. उन्हें एक भी गोली नहीं लगती. इस खेल को समझने की जरूरत है. यह मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश है. अब बीजेपी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा. मुस्लिम उम्मीदवार उनकी बातों पर आने वाले नहीं है. यह फायरिंग उनके लिए एक संदेश है.’
संजय राउत ने कहा कि यूपी का चुनाव इसलिए अहम है क्योंकि इसी चुनाव से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की दशा और दिशा तय होगी. संजय राउत ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में हम कम जगहों पर लड़ रहे हैं. हम कोई 200 सीटों पर नहीं लड़ रहे. हम सिर्फ 50-55 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. हमारा किसी बड़ी पार्टी से गठबंधन भी नहीं हुआ. हम किसान रक्षा पार्टी के साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं. पार्टी का विस्तार करने के लिए यह कार्यक्रम है.’ संजय राउत ने बताया कि शिवसेना पांचवें चरण के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की कुछ सीटें, लखनऊ के आस-पास, अयोध्या, फैजाबाद, बांका में उम्मीदवार खड़े कर रही है. इसके बाद छठे और सातवें चरण में इलाहाबाद, वाराणसी में उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे.
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना उत्तरप्रदेश का यह चुनाव एक तरह से लोकसभा चुनाव से पहले की टेस्टिंग के तौर पर देख रही है. लोकसभा में उत्तर प्रदेश में शिवसेना ठोक बजा कर सामने आएगी. संजय राउत ने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश का चुनाव अखिलेश यादव जीत रहे हैं. जीत की दिशा में वे बढ़ चले हैं.